गुणों की खान है जामुन

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 11 जून 2017, 1:53 PM (IST)

गर्मी के आते ही बाजारे में जामनी के रंग के जामुन नजर आने लगते है। लेकिन क्या आपको पता है यह जामनी रंग, स्वाद में खट्ट-मीठा जामुन कितना गुण कारी है जामुन स्वाद में तो कसैला लेकिन इसमें रोगों से लडने की गणु भर पूर होते हैं। जामुन वातकारक, पित्तशामक और उल्टी को रोक के काम आता है। डायबिटीज के लिए इसकी गुठली का उपयोग व और भी अन्य रोगों से बचाने के लिए किया जाता है। जामुन का सिरका भी बना सकती है यह पाचक होता है।

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जामुन की गुठली को सुुखाकर उसका पाउडर बनाकर रख लें। नियमित रूप से आधा चम्मच की मात्रा में सुबह से शाम पानी के साथ इसका सेवन करें। जामुन की छाल को सुखाकर उसे जलाएं और राख बनाकर छान लें। फिर इसे बोतल में भरकर रख लें। इसके सेवन सुबह शाम 60-65 मि ग्राम की मात्रा में खाली पेट पानी के साथ इसक सेवने करने से डायबिटीज नियंत्रित रहता है।

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जामुन की छाल को छाया में सुखाकर बारीक पीसकर कपडे से छान लें। इसका प्रयोग मंजन के रूप में रके। इससे दांत मजबूत होते हैं, साथ ही पायरिया और दांत दर्द से भी छुटकारा मिलती है।

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जामुन औरआम की गुठलियों का 2-2 ग्राम पाउडर छाछ के साथ दिनमें तीन बार लेने से पेटदर्द दूर होता है।

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पथरी के रोगी को जामुन की गुठली का पाउडर दही के साथ सुबह-शाम कम से कम दिन में 3 ग्राम की मात्रा में लें। इससे पथरी गलकर धीरे-धीरे निकल जाती है। इसके साथ ही पका जामुन खाने से भी पथरी के मरीज को आराम भी मिलता है।

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ठंडे पानी में जामुन को कम से कम 2 घंटे तक भिगोकर रखें। फिर उनकी गुठलियां निकालकर उन्हें हाथ से अच्छी तरह मसलकर कपडे से निचोड-छानकर रस निकाल कर रख लें। यह रस पेटदर्द, हृदय शूल, यूरिन में जलन आदि रोगों में अत्यंत लाभदायक है।

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