मोटराईज और नाॅन मोटराईज मार्ग की सर्वे से होगी पहचान

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 20 मई 2017, 11:15 PM (IST)

गुरुग्राम। गुरुग्राम में मोटराईज और नॉन मोटराइज परिवहन सहित गतिशीलता चुनौतियों की पहचान करने के लिए एक एकीकृत, व्यवस्थित प्रयास और आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से चुनौतियों से निपटने के लिए पायलट पहल के माध्यम से गतिशीलता नियोजन और डिजायन परियोजना शुरू की जाएगी। ये पायलट परियोजना पहले पुराने गुरुग्राम शहर में शुरू की जाएगी। इस संबंध में गुरुग्राम नगर निगम और वल्र्ड रिसोर्सिज इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआरआई) इंडिया के बीच एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। नगर निगम आयुक्त वी उमाशंकर ने और डब्ल्यूआरआई के निदेशक माधव पाई ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। एमओयू का उद्देश्य गुरूग्राम में शहरी गतिशीलता की समस्याओं के लिए विशिष्ठ टिकाऊ परिवहन समाधानों को उत्प्रेरित करने के लिए नगर निगम और डब्ल्यूआरआई इंडिया के बीच सहयोग के आधार और संरचना की स्थापना करना है। एक विशिष्ठ परियोजना क्षेत्र के तहत मोटराईज और नॉन मोटराइज परिवहन सहित गतिशीलता चुनौतियों की पहचान करने के लिए एक एकीकृत, व्यवस्थित प्रयास और आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से इन चुनौतियों से निपटने के लिए एक पायलट पहल के माध्यम से गतिशीलता नियोजन और डिजाइन परियोजना का प्रयास करना है। परिवहन के क्षेत्र में ऐसी पहल विकसित करना है और नॉन मोटराइज परिवहन, जिसमें साइकिल ट्रैक, पैदल चलने वालों के लिए पैदल मार्ग और सभी सड़क उपयोगकर्ताओं की गतिशीलता और सुरक्षा के सुधार के लिए चैराहों के सुधार एवं सड़क डिजायन शामिल हैं। ये एमओयू एक वर्ष के लिए किया गया है और प्रथम चरण में डब्ल्यूआरआई इंडिया पुराने शहर में सड़कों के रिडिजायन, सुधार, साइकिल ट्रैक्स और पैदल ट्रैक्स बनाने के बारे में नगर निगम को तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करेगी। इसके लिए डब्ल्यूआरआई इंडिया को नगर निगम किसी प्रकार की आर्थिक सपोर्ट मुहैया नहीं करवाएगा।

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