नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को घोषणा की कि
कर्तव्य का पालन करते हुए अपनी जान गंवाने वाले अर्धसैनिक बल के हर एक जवान
को एक-एक करोड रूपए मुआवजे के तौर पर दिए जाएंगे। उन्होंने यह ऎलान भी
किया कि अर्धसैनिक कांस्टेबलों के 34,000 पदों को हेड कांस्टेबल के तौर पर
अपग्रेड किया गया है।
शेराथांग सीमा चौकी में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) बल के एक सैनिक
सम्मेलन को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि राष्ट्र अपने अर्धसैनिक
जवानों के त्याग को सराहता है और उसे उन पर गर्व है। अर्धसैनिक बल देश के
मध्य एवं पूर्वी हिस्सों में नक्सलियों जबकि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों
का मुकाबला करते रहे हैं। इसके अलावा, वे दुर्गम इलाकों में सीमा की रक्षा
भी करते हैं।
उन्होंने कहा, हमारे जवानों के बलिदान की भरपाई धन से नहीं की जा सकती।
लेकिन शहीदों के परिवारों को किसी तरह की मुश्किल नहीं आनी चाहिए। लिहाजा,
मैं सुनिश्चित करूंगा कि अर्धसैनिक बल के हर एक जवान को मुआवजे के तौर पर
कम से कम एक करोड रूपए मिलें।
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छत्तीसगढ के सुकमा में नक्सलियों के हमले में सीआरपीएफ के 25 जवानों के शहीद होने की घटना के करीब एक महीने बाद गृह मंत्री ने यह घोषणा की है। इससे पहले, गृह मंत्री ने यहां भारत-चीन सीमा चौकी का दौरा किया और सुरक्षा हालात की समीक्षा की।
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