नई दिल्ली। एमसीडी चुनावों में भारी जीत के बाद भी दिल्ली बीजेपी के अंदर
खींचतान है, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी और विजय गोयल के बीच लडाई चल
रही है। केंद्रीय संगठन मंत्री रामलाल ने दिल्ली के संगठन मंत्री
सिद्धारथन को मामला सुलझाने को कहा है।
सूत्रों की मानें तो ल़डाई खुलकर तब सामने आ गई जब विजय गोयल ने 16 मई को
नव निर्वाचित पार्षदों के लिए सम्मान समारोह आयोजित किया। मनोज तिवारी ने
सम्मान समारोह में ख़ुद आने से इनकार कर दिया। पार्षदों को भी समारोह में
भाग न लेने का फरमान जारी कर दिया। सूत्रों की मानें विजय गोयल के
प्रोग्राम में जीते हुए 184 पार्षदों में से सिर्फ 25-30 पार्षद ही पहुंचे।
दिल्ली प्रभारी श्याम जाजू विजय गोयल के साथ नजर आए।
सूत्रों के अनुसार पहले मनोज तिवारी को बताया गया था कि प्रोग्राम नेहरू
युवा केंद्र का है इसलिए उन्होंने हामी भर दी थी लेकिन जब उन्हें पता चला
कि विजय गोयल पार्षदों को सम्मानित करेंगे तो उन्होंने प्रोग्राम में भाग
लेने से इनकार कर दिया।
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मीडिया को भी पहले ये संदेश दिया गया था लेकिन मनोज
तिवारी की प्रतिक्रिया के बाद इस प्रोग्राम का नाम स्लम आंदोलन कर दिया
गया जहां पार्षदों को एक स्लम गोद लेने की बात कही गई।
मनोज तिवारी ने विजय गोयल की शिकायत आला क़मान से भी की है। सूत्रों का
कहना है कि मनोज तिवारी ने अपने समर्थन में तर्क रखा है कि केंद्र में
मंत्री और राजस्थान से राज्यसभा सांसद होने के बावजूद विजय गोयल प्रदेश में
जीते हुए पार्षदों को सम्मानित करने का कोई औचित्य नहीं बनता।
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