चंडीगढ़।
सातवीं कक्षा की एक नाबालिग छात्रा का अपहरण कर उससे सामूहिक दुष्कर्म
करने के दो आरोपियों को यहां की स्पेशल कोर्ट ने 20-20 साल की सजा सुनाई
है। दोनों पर 1.40-1.40 लाख रुपये का जुर्माना भी किया गया है। एक अारोपी
नाबालिग है और उसके खिलाफ बाल सुधार गृह की कोर्ट में मामला चल रहा है। एक
अारोपी की पहचान नहीं हो पाई।
कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की
अदालत
ने फैसला सुनाते तल्ख टिप्पणी करते कहा कि इस तरह का अपराध पीडि़ता और एक
व्यक्ति पर नहीं बल्कि समाज पर किया गया अपराध है। इसमें एक छोटे बच्चे को
जंगल एरिया में ले जाकर चार व्यक्ति उसके साथ दुष्कर्म करते हैं, घटना के
दो दिन तक वह इस काबिल नहीं रह पाती है कि पुलिस को अपने बयान भी दर्ज करा
सके।
अदालत
ने इस मामले में चंडीगढ़ के सेक्टर-52 निवासी सतराम (21) और सुखबीर सिंह
(19) को 20-20 वर्ष कैद और 1.40-1.40 लाख रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई
है। जुर्माना राशि में से 1.25-1.25 लाख रुपये पीडि़ता को बतौर मुआवजा दिया
जाएगा।
नशीला पदार्थ सुंघा की दरिंरदगी
सेक्टर-36 थाने में
दर्ज मामले में शिकायतकर्ता पीडि़ता के पिता ने कहा था कि उनकी 15 साल की
बेटी 14 नवंबर 2015 की शाम शौच गई थी। इसी दौरान दोषी संत राम ने उसे कुछ
नशीला पदार्थ सुंघाकर उसे एरिया में स्थित नाले के पार ले गया। वहां उसके
तीन अन्य साथी भी मौजूद थे। जहां से संत राम और उसके साथी बाइक पर बैठाकर
लड़की को कॉलोनी नंबर-पांच के जंगली एरिया में ले गए। जहां चारों ने उसके
साथ दुष्कर्म किया।
चौथे आरोपी की नहीं हुई पहचान
पीडि़ता के
अनुसार जब उसे होश आया तो वह सेक्टर-50 के एरिया में थी। होश में आने के
थोड़ी देर बाद उसने अंकल को कॉल किया। इसके बाद उसकी मां पुलिस के साथ
मौके पर पहुंच गई। वहां से उसे सरकारी अस्पताल ले जाया गया जहां दुष्कर्म
की पुष्टि हुई। पुलिस ने मामले में एक नाबालिग समेत तीन लोगों को गिरफ्तार
किया था। चौथे आरोपी के बारे में पुलिस कोई जानकारी हासिल नहीं कर पाई थी।
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