हिन्दी सिनेमा में रीमा लागू ने मां की परिभाषा को नये तरीके से परिभाषित किया था। स्क्रीन पर बोलती मुस्कराती आंखें और मोहक मुस्कान के साथ चेहरे पर नजर आने वाली मासूमियत से भरा हुआ चेहरा आखिर कौन भूल सकता है। कमाल के अभिनेता को अगर किसी बेहतरीन कलाकार का साथ मिल जाए तो फिर वो जोडी हमेशा के लिए अमर हो जाती है। ऐसा ही कुछ रीमा लागू के साथ भी हुआ था। साल 1989 में सलमान खान की फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ में पहली बार उन्होंने एक साथ काम किया। इस फिल्म में वे 22वर्षीय युवा की 42वर्षीय युवा मां के रूप में नजर आई थीं। फिल्म की सफलता के साथ ही रीमा लागू को सलमान खान की ऑन स्क्रीन मां के रूप में स्थायी पहचान मिली। रीमा लागू को दर्शक इस पहचान से अलग करके फिर कभी देख ही नहीं पाये। उनकी मृत्यु के बाद भी दर्शक उन्हें ‘सलमान खान की मां’ के रूप में याद कर रहे हैं। यह कुछ उसी तरह से है जैसे निरूपाराय ने अमिताभ बच्चन की मां के रूप में ख्याति पायी थी।
मैंने प्यार किया के बाद भी सलमान खान और रीमा लागू ने कई फिल्में एक साथ
की और लोगों ने उनको सलमान की ऑन-स्क्रीन मां के रुप में हमेशा पसंद किया।
यादों के झरोखे में जब नजर डालते हैं तो याद आती हैं सलमान खान के साथ रीमा
लागू की वो फिल्में जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर कामयाबी प्राप्त करने के साथ
ही इस जोडी को लोकप्रियता बनाने में अहम् भूमिका निभाई।
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मैंने प्यार किया (1989)
राजश्री
प्रोडक्शन्स की यह फिल्म साल 1989 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म से न केवल
समलान खान रातों-रात बहुत बडे स्टार बन गए थे बल्कि रीमा लागू को भी एक अलग
ही पहचान मिली थी। ताराचन्द बडजात्या के पोते सूरज बडजात्या की यह पहली
निर्देशित फिल्म थी। युवा फिल्मकार ने सामान्य प्रेम कहानी को अपनी
क्षमताओं से असामान्य बना दिया था। इसमें साथ दिया भाग्य श्री और सलमान खान
ने। इस फिल्म के बाद ही रीमा लागू को सलमान खान ऑन-स्क्रीन मां के रुप में
पहचाना जाने लगा था।
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साजन (1991)
सलमान खान, संजय दत्त और
माधुरी दीक्षित के करियर की सबसे यादगार फिल्मों में से एक है। सुधाकर
बोकाडे निर्मित और लॉरेंस डिसूजा निर्देशित फिल्म का संगीत उस साल का सबसे
बडा हिट साबित हुआ था और सालों बाद भी इस फिल्म के गीत श्रोताओं द्वारा
गुनगुनाये जाते हैं। फिल्म के संगीतकार थे नदीम श्रवण। इस फिल्म में भी
रीमा लागू ने सलमान खान की मां का किरदार अदा किया था।
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पत्थर के फूल (1991)
जी.पी.
सिप्पी निर्मित ‘पत्थर के फूल’ तीसरी ऐसी फिल्म थी जिसमें रीमा लागू सलमान
खान की मां के रूप में नजर आई थीं। इसी फिल्म के जरिये रवीना टंडन ने अपना
करियर शुरू किया था। अनन्त बालानी निर्देशित इस फिल्म के कथा-पटकथाकार
सलीम खान थे। यह फिल्म सलमान खान के करियर में तब आयी थी जब उन्हें
इंडस्ट्री में काम नहीं मिल रहा था। फिल्म में रीमा लागू ने सलमान खान की
मां का रोल अदा किया था। भले ही यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर उतनी बडी हिट साबित
नहीं हुई थी लेकिन लोगों को रीमा लागू का रोल काफी पसंद आया था।
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हम आपके हैं कौन...!(1994)
मैंने
प्यार किया के छह साल बाद एक बार फिर से सूरज बडजात्या निर्देशन में आए।
उन्होंने अपने दादा ताराचंद बडजात्या निर्मित भोजपुरी फिल्म ‘नदिया के पार’
को फिर से बनाया। सूरज ने फिल्म के कथानक में थोडा सा परिवर्तन करते हुए
उसे आधुनिक परिवेश दिया। भव्य सैट, बडे सितारे के साथ फिल्माई इस फिल्म में
उन्होंने फिर सलमान खान के साथ रीमा लागू को मां के रूप में पेश किया। इन
दोनों सितारों की कैमिस्ट्री ने दर्शकों को खासा प्रभावित किया। परदे पर
इन्हें एक साथ देखकर ऐसा लगता था जैसे रीमा लागू वास्तव में सलमान खान की
मां हैं। अपने एक साक्षात्कार में रीमा लागू ने कहा था मेरा फेवरिट बेटा
हमेशा से सलमान खान रहा है। सलमान और संजय मेरे सबसे प्यारे बच्चे रहे हैं।
वहीं शाहरुख खान के साथ मेरा रिश्ता दोस्ताना है।
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जुडवा (1997)
साजिद
नाडियाडवाला द्वारा निर्मित इस फिल्म में रीमा लागू का रोल बहुत बडा नहीं
था। लेकिन हमेशा की तरह लोगों के दिलों में बस गया। फिल्म में सलमान खान ने
डबल रोल अदा किया था और उनकी मां बनी थीं रीमा लागू। डेविड धवन द्वारा
निर्देशित यह फिल्म दर्शकों को काफी पसन्द आई थी। अब साजिद इस फिल्म का
सीक्वल वरुण धवन के साथ बना रहे हैं। निर्देशन डेविड धवन का ही है।
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हम साथ-साथ हैं (1999)
सूरज
बडजात्या की इस फिल्म से रीमा ने एक बार फिर से मां का नया रूप बडे पर्दे
पर गढा। सलमान खान के साथ-साथ इस बार रीमा लागू ने नीलम, सैफ अली खान और
मोहनीश बहल की भी मां का किरदार अदा किया। लोगों को बडे-बडे सितारों से सजी
यह मल्टीस्टारर फिल्म काफी पसंद आई थी।
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इसके अलावा भी रीमा
लागू और सलमान खान ने कुछ और फिल्मों में भी काम किया। इन्हीं में शामिल
थी करण जौहर निर्देशित पहली फिल्म ‘कुछ-कुछ होता है’। हालांकि इस फिल्म में
रीमा लागू ने सलमान खान की मां के स्थान पर काजोल की मां की भूमिका निभाई
थी। लेकिन उनका किरदार हमेशा ऐसा रहा कि सलमान उनमें मां देखते रहे।
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