होली में ग्रामीणों की जमीनें गिरवी रख कंपनी ने लिया 1405 करोड का लोन

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 21 अप्रैल 2017, 12:35 PM (IST)

चंबा। जिले के जनजातीय क्षेत्र भरमौर की उपतहसील होली में बडी पनविद्युत परियोजना के निर्माण में लगी जीएमआर कंपनी ने बड़ी मिलीभगत करके स्थानीय लोगों की जमीन अपने नाम करवाकर इस पर 1405 करोड रुपये का लोन लिया है। जब इस बात का पता जमीन मालिकों को चला तो उनके होश उड गए। उन्होंने एक-एक करके जब पटवारखाने से अपनी जमीन के पर्चे निकाले तो यह जमीन कंपनी के नाम हो चुकी थी और कंपनी ने इस जमीन को गिरवी रखकर अरबों रुपये का लोन ले लिया था। हैरानी की बात है कि इस जमीन का मुआवजा तक इसके मालिकों को नहीं मिल पाया है। सूत्रों की माने तो इस बड़े घपले में स्थानीय राजनेताओं और अफसरों की बड़ी मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है।
ज्ञात रहे कि यह प्रोजेक्ट निर्माण के समय से ही सुर्खियों में रहा है। पहले कंपनी ने सरकार की मिलीभगत से इसकी सुरंग की निर्माण साइट को ही आबादी वाले स्थान में बदल लिया था। ग्रामीणों ने इसका भारी विरोध किया था और कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया गया था, मगर मिलीभगत के चलते वे केस हार गए थे। अब ताजा मामले ने एक बार फिर से पैसे व रूतबे के दम पर पहाड़ों को छलनी करने वाली बडी-बडी कंपनियों की यहां बसने वाले लोगों को बेघर व बे जमीन करके मोटा मुनाफा कमाने की गलाकाट नीति का पर्दाफाश करके रख दिया है। इसमें स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों के साथ ही सत्ता पक्ष के प्रभावशाली नेताओं और इनके दबाव में आंखें मूंदे बैठे अधिकारियों की बड़ी मिलीभगत की बातें सामने आ रही हैं।

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ग्रामीणों की जमीनों पर कंपनी का कब्जा होने की खबर का पता तब चला जब कुछ ग्रामीण जरूरत पडऩे पर इसके पर्चे लेकर लोन मांगने बैंक में गए। जब बैंक ने उनकी जमीन के कागज देखे तो यह कहते हुए लोन देने से मानना कर दिया कि उनकी जमीन के पर्चों पर राजस्व विभाग का नोट लिखा गया है कि इसे गिरवी रखकर जीएमआर कंपनी ने 1405 करोड़ रुपये का लोन ले रखा है। न्याग्रां से लेकर होली तक इस कंपनी की सुरंग के बीच व ऊपर जितने भी गांव आ रहे थे, वहां के सभी ग्रामीणों की जमीनों पर यह कंपनी अपना कब्जा जमाकर इसके बदले अरबों का लोन ले चुकी थी। आग की तरह फैली इस बात को लेकर होली में तनाब की स्थिति पैदा हो गई है।
मामला बेहद संवेदनशील है जिसके चलते भरमौर मंडल प्रशासन ने करीब 13/महलों के राजस्व रिकाॅर्ड अपने कार्यालय भरमौर तलब कर लिए है और जांच प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। 180 मेगावाट की होली बिजोली परियोजना जिसमे अरबों रुपयों का निवेश कर इस परियोजना को तैयार करना है। अगर इस परियोजना में किसी भी प्रकार की राजस्व विभाग के रिकार्ड से जरा सी भी छेड़छाड़ का मामला प्रशासन के समक्ष आता है तो इसमें कम्पनी और उसके साथ कई लोग इस लपेटे में आ सकते है।

बरहाल 40 वर्षो तक लीज में ली गई सरकारी जमीन जिसमे कितनी भूमि सरकारी और कितनी भूमि गैर सरकारी थी जिस पर इन कम्पनी वालों ने लोन ले रखा था। मंगवाए गए अगर यह उपरोक्त दस्तावेज सही मायनो में कंही भी जरा से भी गलत पाये जाते है तो कम्पनी वालों को बैंक में झूठे दस्तावेज देने का फ्रॉड भी बन सकता है। अब देखने वाली बात यह भी है कि ADM भरमौर ने इस जनजातीय क्षेत्र होली के 10 मुहाल के सारे के सारे राजस्व रिकाॅर्ड को लगभग खंगालना शुरू कर दिया है और उन्हें अभी भी दो अन्य मुहालो के राजस्वी दस्तावेजों का इंतजार है जोकि वह आज उनके ADM कार्यालय भरमौर पहुंच जाएंगे। उसके बाद क्या होता है, देखना कुछ दिलचस्प होगा।

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जब इस संबंध में कंपनी के अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह सब राजस्व विभाग की त्रुटि है। नायब तहसीलदार बालकृष्ण ने कहा कि इस बारे में उच्च अधिकारी को सूचित कर दिया गया है। वहीं एडीएम विजय धीमान ने बताया कि कंपनी से लीज का रिकॉर्ड मंगवाया गया है। इसे देखने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है।

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