दमदार एक्शन और थ्रिलर का तगडा डोज: नाम शबाना

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 30 मार्च 2017, 4:44 PM (IST)

फिल्म समीक्षा :

निर्माता : नीरज पांडे, शीतल भाटिया
निर्देशक शिवम् नायर
लेखक : नीरज पांडे

कलाकार : तापसी पन्नू, मनोज बाजपेयी, पृथ्वीराज सुकुमार और मेहमान भूमिका में अक्षय कुमार

नीरज पांडे ने ट्रेंड के विपरीत जाते हुए इस बार अपनी फिल्म का सीक्वल ने बनाकर उनका प्रीक्वल बनाया है और भी स्पिन ऑफ के रूप में। अपनी सुपरहिट फिल्म ‘बेबी’ के छोटे से किरदार ‘शबाना’ को यहां उन्होंंने विस्तृत रूप देने के साथ ही उसके ‘बेबी’ में शामिल होने की कहानी को बयां किया है। फिल्म के ट्विस्ट और टर्न अच्छे हैं जिसकी वजह से फिल्म बांध कर रखती है। फिल्म का फिल्मांकन अच्छा है, एक्शन दृश्य जबरदस्त हैं। एक्शन निर्देशक ने अलग-अलग तरह की फाइट दर्शकों के सामने रखी है। आधा घंटे की भूमिका में अक्षय कुमार दर्शकों को अपने साथ जोडने में सफल होते हैं। जब-जब परदे पर नजर आए फिल्म की रफ्तार बढती नजर आई। हालांकि फिल्म का पूर्वाद्र्ध धीमा है, इस भाग की गति को भी तेज रखा जाता है तो निश्चित तौर दर्शक शिवम् नायर की तारीफ करते। शिवम् का निर्देशन सामान्य है। एक हिट और ब्रांड नेम वाली फिल्म का उनको सहारा था, लेकिन वे उसका फायदा उठाने में कामयाब नहीं हो पाये हैं। वे चाहते तो अपने निर्देशन में संपादन की टेबल पर मजबूती ला सकते थे। फिल्म में कई ऐसे दृश्य हैं जो जबरदस्ती ठूंसे हुए लगते हैं। विशेष रूप से मुरली का किरदार। इस फिल्म में उनके इस किरदार को रखने की कोई आवश्यकता नहीं थी। यह पूरी तरह से फिल्म में मिसफिट रहा है। इसी तरह से फिल्म में गीतों की भी गुंजाइश नहीं थी।

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शबाना की प्रेम कहानी को दिखाने के चक्कर में गीत डाले गए हैं जो फिल्म की गति में बाधा बनते हैं और दर्शकों को फिल्म से जोडने में असफल रहते हैं। बेबी का क्लाइमैक्स बेहतरीन व दिलचस्प था जबकि नाम शबाना के क्लाइमैक्स में यही कमी अखरती है। फिल्म का अंत सामान्य स्तर पर किया गया है। जासूसी पर आधारित फिल्मों का अंत ऐसा होना चाहिए जो दर्शक को नजर हटाने न दे। जहां पिछली फिल्म की यूएसपी पिछली फिल्म की स्पीड, दमदार स्क्रिप्ट और अक्षय कुमार की बेहतरीन ऐक्टिंग थी तो वहीं इस फिल्म की इकलौती यूएसपी तापसी पन्नू ही हैं। तापसी ने सहज अभिनय किया है और किरदार को बखूबी निभाया है। अंत तक फिल्म तापसी पन्नू के कंधों पर टिकी है।

‘पिंक’ के बाद एकबार फिर तापसी ने खुद को इंडस्ट्री की ऐसी बेहतरीन ऐक्ट्रेस साबित किया जो अपने दम पर भी फिल्म हिट कराने का दम रखती है। तापसी पर फिल्माए ऐक्शन, स्टंट सीन इस फिल्म की सबसे बडी यूएसपी है। टास्क फोर्स के चीफ के किरदार में मनोज बाजपेयी खूब जमे हैं। साउथ के नामी अभिनेता पृथ्वीराज सुकुमारन अपने किरदार में सौ फीसदी फिट रहे हैं। शिवम नायर ने फिल्म के फाइट सीन और तापसी के किरदार पर सबसे ज्यादा मेहनत की है। वहीं स्क्रिप्ट पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और यही वजह है कि इंटरवल से पहले की फिल्म शबाना की पहचान कराने में बीत जाती है तो इंटरवल के बाद कहानी में एक के बाद एक कई टर्न हैं, जो दर्शकों को कहानी से बांधने में कामयाब रहे।

नायर ने फिल्म में गाने भी रखे जो फिल्म की स्पीड कमजोर करते हैं और फिल्म की अवधि बेवजह बढ़ाते हैं। फिल्म के साथ टी सीरीज का नाम जुड़ा है, सो कहानी में बेवजह दो-तीन गानें फिट किए, लेकिन यही गाने फिल्म का माइनस पॉइंट बनकर रह गए। आपने ‘बेबी’ देखी है तो इस फिल्म को देखिए। इस बार फिल्म देखने की वजह अक्षय नहीं, बल्कि तापसी पन्नू की बेहतरीन ऐक्टिंग के साथ-साथ बिना किसी बॉडी डबल की मदद के उनके खतरनाक एक्शन सीन हैं।