सरकार के 12 लाख युवाओं को रोजगार देने के आंकड़े पर किसी को विश्वास नहीं : गहलोत

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 21 मार्च 2017, 6:18 PM (IST)

जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से कहा है कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मिलकर स्टार्टअप, स्किल डवलपमेंट, डिजिटल इंडिया और स्मार्टसिटी की जो योजनाएं हवा में तैर रही हैं, उनको धरातल पर लाएं, ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके।
गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एक कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद मीडिया से कहा कि भाजपा ने चुनाव पूर्व 15 लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था, अब वादाखिलाफी क्यों की जा रही है। राज्य विधानसभा में सरकार द्वारा 12 लाख को नौकरियां देने के आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं और यह भी बताया गया है कि दिसंबर तक पूरी 15 लाख को नौकरियां दे दी जाएंगी, लेकिन इस पर किसी को विश्वास नहीं है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका मतलब तो यह हुआ कि दिसंबर के बाद तो एक साल और बचेगा तब तक तो पता नहीं 15 लाख के आंकड़े को भी पार कर लेंगे। तस्वीर का दूसरा पहलू यह है कि नौकरी मांगने वाले युवाओं पर भाजपा कार्यालय के बाहर बार-बार लाठीचार्ज हो रहा है, महिलाओं और होमगाड्र्स पर लाठियां बरसाई जा रही हैं और सच पूछो तो किस तबके पर लाठीचार्ज नहीं हुआ।

गहलोत ने कहा कि यह कायदा है कि जनसुनवाई मुख्यमंत्री निवास या मंत्रियों के निवास पर की जाती है, जहां आम आदमी, जिसका भाजपा से भी कोई संबंध नहीं है, वह भी जा सकता है और अपनी फरियाद कर सकता है। मगर सरकार ने भाजपा कार्यालय को इसके लिए चुना, ये कोई तरीका नहीं है, इसलिए कहता हूं कि लोकतंत्र में इनका यकीन नहीं है, ये फासिस्ट लोग हैं और पूरे देश में आज भय का वातावरण बन गया है, मोदी को यह बात समझनी चाहिए। सत्ता पक्ष के विधायकों द्वारा ही सरकार को घेरने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि भाजपा को एकतरफा बहुमत मिला है, ऐसे में उनको तो बोलना ही है, क्योंकि अपने क्षेत्र में वे जनता को क्या जवाब दें। सरकार चल कहां रही है, इसीलिए इतने प्रश्न विधानसभा में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार तो धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है, जातियों को आपस में भिड़ा रही है और चुनाव जीतने के लिए ध्रुवीकरण किया जा रहा है। चुनाव तो जीत लेंगे, मगर देश में लोकतंत्र कहां रहेगा। देशवासियों को इस बात को समझना पड़ेगा।

गहलोत ने सवाल किया कि रिफाइनरी, जयपुर मेट्रो फेज-2, आदिवासी क्षेत्र में डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रेलवे लाइन, परबन नदी सिंचाई परियोजना, मेमो कोच फैक्ट्री जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं का कोई अता-पता नहीं है। इस सरकार के पास इन सबका कोई जवाब नहीं है। इस सरकार ने लापरवाही में तीन साल तो निकाल दिए और यूं ही साल-डेढ़ साल और निकाल देंगे।

ओलावृष्टि को लेकर गहलोत ने कहा कि यह सरकार इस ओर कभी ध्यान नहीं देती। पहले भी ओलावृष्टि हुई, तब सोनिया गांधी अचानक कोटा आईं और प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने अलवर, भरतपुर व बूंदी में गांव-गांव दौरे किए। हालात बहुत खराब थे। कई किसानों ने आत्महत्या की, कुछ बिजली गिरने से मर गए थे। हमने मुआवजे की मांग उठाई, लेकिन सरकार संवेदनहीन बनी रही। हमारी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया। मुख्यमंत्री स्वयं जब तय कर लें कि मुझे कुछ नहीं करना है तो ये संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। राजस्थान में ऐसा कुशासन चल रहा है।

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