वास्तु शास्त्र की तरह ही फेंग शुई पॉजिटिव यानी कि सकारात्मक ऊर्जा को खींचने का काम करता है। बुरी ऊर्जा को दूर कर, अच्छी ऊर्जा लाने के लिए फेंग शुई का इस्तेमाल होता है। इसके अलावा धन, सुख, संपत्ति पाने के लिए भी इस विधा में कई उपाय दर्ज हैं। जी हां... फेंग शुई की नजर में ऐसा भी एक पौधा है जिसे केवल घर में रख देने मात्र से यह धन को अपनी ओर खींचता है।
पर्स में ना रखें ये 5 चीजें, वरना हो जाओगे कंगाल
ऐसे घर में नहीं रूकती लक्ष्मी
NEXT स्लाइड्स पर क्लिक कर डालिए नजर आज हम आपको धन पाने के लिए फेंग शुई का एक तरीका बताने जा रहे हैं......
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इस पौधे को ‘क्रासुला’ कहते हैं। यह एक फैलावदार पौधा है, जिसकी पत्तियां चौड़ी होती हैं लेकिन हाथ लगाने से मखमली एहसास होता है। इस पौधे की पत्तियों का रंग ना तो पूरी तरह से हरा होता है और ना ही पूरी तरह से पीला। यह दोनों रंगों से मिश्रित पत्तियां हैं। लेकिन अन्य पौधों की पत्तियों की तरह कमजोर नहीं होती जो हाथ लगाते ही मुड़ या टूट जाएं.....
सबसे अच्छी बात यह है कि यह पौधा अधिक देखभाल भी नही मांगता। अगर आप 2-3 दिन बाद भी इसे पानी दें, तब भी यह सूखेगा नहीं। यह पौधा घर के भीतर छांव में भी पनप सकता है।क्रासुला का पौधा अधिक जगह भी नहीं लेता। आप इसे छोटे-से गमले में भी लगा सकते हैं।
अब यदि बात करें तो इस पौधे के इस्तेमाल से धन प्राप्ति की, तो फेंग शुई की राय मंइ यह पौधा अच्छी-ऊर्जा की तरह धन को भी घर की ओर खींचता है।
इस पौधे को घर के प्रवेश द्वार के पास
ही लगाएं। जहां से प्रवेश द्वार खुलता है उसके दाहिनी ओर इसे रखें।
कुछ
ही दिनों में यह पौधा अपना असर दिखाना शुरू कर देगा। इसके होने से परिवार
के लोगों में मानसिक एवं आत्मिक शांति आएगी। हर काम में कम लगेगा और हर
कार्य में तरक्की हासिल होगी।
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धार्मिक ग्रंथो एवं पुराणों में दुर्वा घास को बहुत ही चमत्कारिक माना
गया है। सफेद गाय का दूध तथा दुर्वा घास को मिलाकर उसका तिलक करने से भी धन
का योग बनता है तथा व्यक्ति को धन प्राप्ति होती है।
कहा जाता है की यह समुद्र मंथन से मिली थी, अतः यह
लक्ष्मी जी की छोटी बहन है। दूर्वा गणेश जी को प्रिय है और गौरा माँ को भी।
वाल्मिकी रामायण में श्री राम जी का रंग दुर्वा की तरह बताया गया है।
पुराणों में
कथा है कि पृथ्वी पर अनलासुर राक्षस के उत्पात से त्रस्त ऋषि-मुनियों ने
इंद्र से रक्षा की प्रार्थना की। इंद्र भी उसे परास्त न कर सके। देवतागण
शिव के पास गए। शिव ने कहा इसका नाश सिर्फ गणेश ही कर सकते हैं। देवताओं की
स्तुति से प्रसन्न होकर श्रीगणेश ने अनलासुर को निगल लिया। जब उनके पेट
में जलन होने लगी तब ऋषि कश्यप ने 21 दुर्वा की गांठ उन्हें खिलाई और इससे
उनकी पेट की ज्वाला शांत हुई।
दुर्वा गहनता और पवित्रता की प्रतीक है। इसे देखते ही मन में ताजगी और
प्रफुल्लता का अनुभव होता है। शाक्तपूजा में भी भगवती को दुर्वा अर्पित की
जाती है।
अपनी तिजोरी में 9
लक्ष्मीकारक कौड़ियां और एक तांबे का सिक्का रखने से आपकी तिजोरी में धन
हमेशा भरा रहेगा।
पंचदेव
उपासना में दुर्वा का महत्वपूर्ण स्थान है। यह गणपति और दुर्गा दोनों को
अतिप्रिय है।
दुर्वा
जिसे आम भाषा में दूब भी कहते हैं एक प्रकार ही घास है। इसकी विशेषता है कि
इसकी जड़ें जमीन में बहुत गहरे (लगभग 6 फीट तक) उतर जाती हैं। विपरीत
परिस्थिति में यह अपना अस्तित्व बखूबी से बचाए रखती है।
दुर्वा गहनता और
पवित्रता की प्रतीक है। इसे देखते ही मन में ताजगी और प्रफुल्लता का अनुभव
होता है। शाक्तपूजा में भी भगवती को दुर्वा अर्पित की जाती है।
पांच दुर्वा के साथ भक्त अपने पंचभूत-पंचप्राण अस्तित्व को गुणातीत गणेश को
अर्पित करते हैं। इस प्रकार तृण के माध्यम से मानव अपनी चेतना को परमतत्व
में विलीन कर देता है।
श्रीगणेश पूजा में दो, तीन या पांच दुर्वा
अर्पण करने का विधान तंत्र शास्त्र में मिलता है। इसके गूढ़ अर्थ हैं।
संख्याशास्त्र के अनुसार दुर्वा का अर्थ जीव होता है जो सुख और दु:ख ये दो
भोग भोगता है। जिस प्रकार जीव पाप-पुण्य के अनुरूप जन्म लेता है।
दुर्वा अपने कई जड़ों से जन्म लेती है। दो दुर्वा के माध्यम से
मनुष्य सुख-दु:ख के द्वंद्व को परमात्मा को समर्पित करता है। तीन दुर्वा का
प्रयोग यज्ञ में होता है। ये आणव (भौतिक), कार्मण (कर्मजनित) और मायिक
(माया से प्रभावित) रूपी अवगुणों का भस्म करने का प्रतीक है।
घर में रखी वस्तुएं भी अच्छा या बुरा प्रभाव डालती हैं। कई बार व्यक्ति घर
में ऐसी चीजें रख लेता है जो देवी लक्ष्मी को अप्रिय होती है। ऐसी वस्तुओं
को घर में रखने से बरकत नहीं होती अौर आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है।
वास्तु के अनुसार इनसे बचने के लिए ऐसी वस्तुएं घर में नहीं रखनी चाहिए।
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घर
में टूटा शीशा या टूटे कांच की चीजें रखने से आर्थिक नुक्सान होता है।
दरवाजे-खिड़कियों में लगे कांच टूट जाएं तो उन्हें भी बदल देना चाहिए।
एक ही देवी-देवता की प्रतिमा आमने-सामने नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करने से आय के साधन कम और खर्चे अधिक हो जाते हैं।
घर में कांटेदार पौधे न लगाएं। इस प्रकार के पौधे धन संबंधी परेशानियों का कारण बनते हैं।
घर में खंड़ित प्रतिमा अौर फटे हुए भगवान के चित्रपट नहीं रखने चाहिए। ये सब पैसों से संबंधित परेशानियों को बढ़ाते हैं।
घर में खराब अौर बेकार चीजें रखने से नकारात्मक ऊर्जा में बढ़ौतरी होती है।
टीवी, फ्रीज, कंप्यूटर आदि खराब उपकरण घर में भूलकर भी न रखें।
घर में खराब या बंद घड़ी न रखें। इससे नकारात्मक ऊर्जा में बढ़ोतरी होती है।
उन्नति अौर धन संबंधी परेशानियों से बचने के लिए घर में बंद घड़ी नहीं रखनी चाहिए।
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अपने चहेतों को उपहार देना एक अच्छी परंपरा और आदत मानी जाती है लेकिन
ज्योतिष के अनुसार अगर उपहार देते समय अगर कुछ खास बातों को ध्यान रखा जाए
तो उपहार भी किस्मत बना और बिगाड सकते हैं-
Read: रूठी किस्मत को मनाने के लिए करें ये तांत्रिक उपाय,NEXT स्लाइड्स पर क्लिक कर डालिए एक नजर.....
कभी भी शुभचिंतक को अपना पेन भी गिफ्ट ना करें
अगर आपका भाग्य आप से रूठा हुआ हो, जिसके कारण आपको आपकी नौकरी, आपके
लक्ष्य, आपके कारोबार और आपके जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हो
तो आपको लाल किताब में इन परेशानियों को दूर करने के लिए कुछ बहुत ही
आसान, सस्ते और सटीक उपाय बताये गये है जिनको अपनाने के बाद आपकी किस्मत के
बंद ताले खुल जायेंगे और आप भी अपने जीवन में सफलताएं अर्जित कर पाओगे।
अपनी
किस्मत के ताले खोलने के लिए एक उपाय को बहुत बार आजमाया गया है और जिसके
परिणाम भी बहुत अच्छे मिले है. इस उपाय को अपनाने के लिए आप सबसे पहले
शुक्रवार के दिन किसी ताले की दुकान पर जाये और वहां से आप लोहे या स्टील
का ताला ख़रीदे। लेकिन ध्यान रखे कि ताला बंद हो...
अगर दुकानदार आपको ताला
खोल कर दिखने के लिए बोले तो आप दुकानदार को भी उसे खोलने न दे, और न ही आप
खोले. आप बस उस बंद ताले को खरीद कर अपने घर ले आये। इसके बाद आप उस ताले
को एक डिब्बे में रख ले और शुक्रवार की रात को ही आप उस ताले को अपने सोने
वाले कमरे में अपने बिस्तर के पास रख ले। फिर आप अगले दिन शनिवार को सुबह
जल्दी उठ कर स्नान करने के बाद उस ताले को बिना खोले अपने साथ ले जाकर किसी
मंदिर या फिर किसी देवस्थान पर रख आये।
आप इस बात का ध्यान जरुर रखे की
एक बार ताला रखने के बाद आप पीछे मुड़ कर दुबारा ताले को दिखने की कोशिश न
करे और ताले को रखने के बाद कुछ बोले बिना ही अपने घर वापस लौट आये. आप
ईश्वर पर पूर्ण विश्वास और श्रध्दा रखे क्योकि ऐसा माना जाता है कि जब भी
कोई व्यक्ति उस ताले को देखेगा और उसे खोलेगा तो आपकी किस्मत के ताले भी
खुल जायेंगे।
ये उपाय बहुत ही जाना माना है और अगर आपको लगता है कि
आपकी किस्मत के ताले भी बंद है और आप उन तालो को खोलना चाहते हो तो आप भी
अपनी किस्मत के तालो को खोलने के लिए इस उपाय को निसंकोच और तुरंत अपनाये।
आपको भी इस उपाय से जरुर फ़ायदा मिलेगा।
ऊपर दिए उपाय में बंद ताला आपकी बंद
किस्मत को दिखा रहा है, और उसे मंदिर में रखने का अर्थ है कि आप अपनी बंद
किस्मत को ईश्वर के चरणों में रख रहे हो और अपने विश्वास और श्रध्दा से आप
ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हो कि वे आपकी बंद किस्मत के तालो को जल्दी ही
खोलेंगे। और अंत में जब वो ताला खुल जाता है तो इसका अर्थ है कि आपके जीवन
की हर समस्या को दूर कर ईश्वर ने आपकी किस्मत के तालो को भी खोल दिया है और
अब आप भी अपने जीवन में सुख, शांति, धन और समृधि को प्राप्त करोगे।
अगर
आपने भी अपने जीवन मे अपनी परेशानियों को दूर करने के लिए और अपने जीवन को
सुगम बनाने के लिए कई उपाय अपनाये है किन्तु आपको कोई फ़ायदा नही हुआ है तो
आप इस उपाय को एक बार जरुर अपनाये, आपको इसका फ़ायदा जरुर होगा क्योकि इस
उपाय के बहुत परिणाम निकले है।Read: झाडू के ये टोटके आपको बना देंगे मालामाल,NEXT स्लाइड्स पर क्लिक कर डालिए एक नजर.....
आज हर इंसान पैसे और इज्जत के लिए दिन-रात एक करके कडी मेहनत करता है। इसके
बावजूद कई बार उसे वो नहीं मिलता जिससे वो काफी दुखी रहती है। कडी मेहनत
के साथ-साथ सफलता के लिए कुछ टोटके अपनाने चाहिए जिससे आपकी मुश्किल
निश्चित तौर पर आसान हो जाएगी। आज आपको घर की झाडू और पोछे के बारे में
बताने जा रहे है। आइए जानते है झाडू के टोटके के बारे में।
झाड़ू
के महत्व को देखते हुए वास्तु शास्त्र द्वारा कई नियम बताए गए हैं। जब घर
में झाड़ू का इस्तेमाल न हो, तब उसे नजरों के सामने से हटाकर रखना चाहिए।
झाड़ू को कभी भी खड़ा नहीं रखना चाहिए। ध्यान रहे झाड़ू पर जाने-अनजाने पैर
नहीं लगने चाहिए, इससे महालक्ष्मी का अपमान होता है। झाड़ू हमेशा साफ
रखें।
ज्यादा पुरानी झाड़ू को घर में न रखें। झाड़ू को कभी जलाना
नहीं चाहिए। शनिवार को पुरानी झाड़ू बदल देना चाहिए। शनिवार के दिन घर में
विशेष साफ-सफाई करनी चाहिए। घर के मुख्य दरवाजा के पीछे एक छोटी झाड़ू
टांगकर रखना चाहिए। इससे घर में लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
घर से
दरिद्रता रूपी कचरे को दूर करके झाड़ू यानि महालक्ष्मी हमें धन-धान्य,
सुख-संपत्ति प्रदान करती है। जब घर में झाड़ू का कार्य न हो तब उसे ऐसे
स्थान पर रखा जाता है जहां किसी की नजर न पड़े। इसके अलावा झाड़ू को अलग
रखने से उस पर किसी का पैर नहीं लगेगा जिससे देवी महालक्ष्मी का निरादर
नहीं होगा। यदि भुलवश झाड़ू को पैर लग जाए तो महालक्ष्मी से क्षमा की
प्रार्थना कर लेना चाहिए।
परिवार के किसी भी सदस्य के बाहर जाते ही
तुरंत झाड़ू लगाना भी अशुभ होता है। घर में नियमित रूप से पोछा लगाने से
आपके घर में लक्ष्मी का निवास होने लग जाता है। गुरूवार को घर में पोछा ना
लगाये ऐसा कहा जाता है कि इस बात लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। पोछे के पानी
में हमेशा नमक डालकर काम कीजिये इससे घर में सकारात्म ऊर्जा आती है और
इंसान के प्रमोशन के रास्ते खुल जाते हैं।Read: 11 पीपल के पत्ते दूर कर सकते हैं पैसों की तंगी, NEXT स्लाइड्स पर क्लिक कर डालिए एक नजर....
यदि आप पैसे की तंगी को लेकर परेशान है तो अब
आपको परेशान होने की जरुरत नहीं है बस श्रद्धा और विश्वास के साथ नीचे दिए
गए उपाय को हर मंगलवार और शनिवार को करें निश्चित ही आपकी समस्या
धीरे-धीरे समाप्त हो जाएंगी।
हर मंगलवार व शनिवार को सुबह उठे उसके बाद नित्यक्रम के बाद स्नानादि कर
लें तत्पश्चात किसी पीपल के पेड़ से 11 पत्ते तोड़ लें। पत्ते तोड़ते समय यह
ध्यान रहे कि पत्ते कहीं से टूटे या फटे नहीं होने चाहिए क्योंकि फटे पत्ते
खंडित माने जाते हैं। अब इन पत्तों को साफ़ पानी से धोलें उसके बाद इन
पत्तों पर कुमकुम या चन्दन से श्रीराम का नाम लिखें।
उसके बाद इन
पत्तों की एक माला बनाएं। अब इस माला को पास के किसी हनुमान मंदिर में जाकर
उनको पहना दें। ध्यान रहे ऐसा करने के बाद कोई भी अधार्मिक कार्य न करें
वर्ना यह टोटका निष्फल भी जा सकता है।
Read: पके हुए तीन नींबू का यह टोटका आपके लिए लाएगा सौभाग्य, NEXT स्लाइड्स पर क्लिक कर डालिए एक नजर....
जो लिखा है या होना है होता वही है लेकिन कुछ प्रयासों और कोशिशों से बहुत
बुरे को कम बुरे में और अच्छे को बहुत अच्छे में बदला जा सकता है। यदि
आपके सितारे गर्दिश में चल रहे हों तो कुछ खास जतन कर दिनों की प्रतिकूलता
को अनुकूलता में बदला जा सकता है।
सौभाग्य लाने के लिए-
तीन पके
हुए नींबू लेकर एक को नीला एक को काला तथा तीसरे को लाल रंग कि स्याही से
रंग दें। अब तीनो नींबुओं पर एक एक साबुत लौंग गाड दे। इसके बाद तीन मोटी
चूर के लड्डू लेकर तथा तीन लाल पीले फूल लेकर एक रुमाल में बांध दे अब
प्रभावित व्यक्ति के ऊपर से सात बार उबार कर बहते जल में प्रवाहित कर दे
प्रवाहित करते समय आस पास कोई खड़ा ना हो। हमारी या हमारे परिवार के किसी भी
सदस्य की ग्रह स्थिति थोड़ी सी भी अनुकूल होगी तो हमें निश्चय ही इन
उपायों से भरपूर लाभ मिलेगा।
व्यापार, विवाह या किसी भी कार्य में बार-बार विफलता मिलने पर-
सरसों
के तेल में सिके गेहूँ के आटे व पुराने गुड़ से तैयार सात पूये, सात मदार
(आक) के पुष्प, सिंदूर, आटे से तैयार सरसों के तैल का रूई की बत्ती से जलता
दीपक, पत्तल या अरण्डी के पत्ते पर रखकर शनिवार की रात्रि में किसी चौराहे
पर रखें और कहें -“हे मेरे दुर्भाग्य तुझे यहीं छोड़े जा रहा हूँ कृपा
करके मेरा पीछा ना करना।´´ सामान रखकर पीछे मुड़कर न देखें।
दुर्भाग्य दूर करने के लिए-
आटे
का दिया, 1 नीबू, 7 लाल मिर्च, 7 लड्डू,2 बत्ती, 2 लोंग, 2 बड़ी इलायची बङ
या केले के पत्ते पर ये सारी चीजें रख दें |रात्रि 12 बजे सुनसान चौराहे
पर जाकर पत्ते को रख दें व प्रार्थना करें, जब घर से निकले तब यह प्रार्थना
करें - हे दुर्भाग्य, संकट, विपत्ती आप मेरे साथ चलें और पत्ते को रख दें |
फिर प्रार्थना करें -मैं विदा हो रहा हूँ | आप मेरे साथ न आयें, चारों
रास्ते खुले हैं आप कहीं भी जायें | एक बार करने के बाद एक दो महीने देखें,
उपाय लाभकारी है| श्रद्धा से करें |
सौभाग्य में वृद्धि के लिए-
दुर्भाग्य
कभी-कभी न चाहते हुए भी जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है। भाग्य
बिल्कुल भी साथ नहीं देता साथ ही दुर्भाग्य निरन्तर पीछा करता रहता है।
दुर्भाग्य से बचने के लिए या दुर्भाग्य नाश के लिए यहां हम आपको एक अनुभूत
टोटका बता रहे हैं। इसे पूर्ण आस्था के साथ करने से दुर्भाग्य का नाश होकर
सौभाग्य में वृद्धि होती है। टोटका सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले
इस टोटके को करना है। एक रोटी लें। इस रोटी को अपने ऊपर से 31 बार ऊवार
लें। प्रत्येक बार वारते समय इस मन्त्र का उच्चारण भी करें। ऊँ
दुभाग्यनाशिनी दुं दुर्गाय नम: बाद में यह रोटी कुत्ते को खिला दें अथवा
बहते पानी में बहा दें। यह अद्भुत प्रयोग है। इसके बाद आप देखेंगे कि
किस्मत के दरवाजे आपके लिए खुल गए हैं। पूर्ण आस्था से यह टोटका करने पर
शीघ्र लाभ होता है।
शनि दृष्टि दोष दूर करने के लिए-
उड़द की दाल के 4
बड़े शनिवार को प्रात: सिर से 3 बार एंटी क्लाकवाइज (उलटा) घुमाकर कौओं को
खिलाएं। (सात शनिवार करो)। शनि कृपा पाने के लिये शनिवार के दिन आठ नंबर
का जूता (लैदर का) शनि का दान मांगने वाले को ‘ऊँ सूर्य पुत्राय नम:’ आठ
बार कहकर दें। शनि कृपा प्राप्त करन के लिए 27 किलो गुलाब जामुन पर एक लौंग
फूल वाली चो भोकर शनिवार को जमुना नदी में प्रवाहित करें।
Read:इन 4 बातों से आती हैं गरीबी, भूलकर भी नहीं करे ये काम,NEXT स्लाइड्स पर क्लिक कर डालिए एक नजर....
धार्मिक ग्रंथों और शास्त्रों के अनुसार सम्पन्न्ता और खुशहाली अपने कर्मों
और भाग्य् से मिलती है। ग्रंथों में यह भी कहा गया है कि अगर कुछ खास उपाय
किए जाएं तो प्रतिकूलता भी अनुकूलता में बदलने लगती है। आइए वास्तु के
अनुसार देखें कुछ खास उपाय-
Most Read:काले तिल के ये 6 उपाय बदल देंगे आपकी किस्मत,NEXT स्लाइड्स पर क्लिक कर डालिए एक नजर
ग्रहों को अनुकूल करने के लिए यूं तो कई उपाय हो सकते हैं लेकिन आपको
जानकार हैरानी होगी कि काले तिलों के जरिए भी आप बुरे दिनों को अच्छों में
बदल सकते हैं। जानें ऐसे उपाय जिनसे कुंडली के ग्रह दोषों की शांति होती
है।
1. रोज एक लोटे में शुद्ध जल भरें और उसमें काले तिल डाल दें। अब इस
जल को शिवलिंग पर ऊँ नम: शिवाय मंत्र जप करते हुए चढ़ाएं। जल पतली धार से
चढ़ाएं और मंत्र का जप करते रहें। जल चढ़ाने के बाद फूल और बिल्व पत्र
चढ़ाएं। इस उपाय से शुभ फल प्राप्त होने की संभावनाएं बढ़ती हैं।
2.
शनिवार काले तिल, काली उड़द को काले कपड़े में बांधकर किसी गरीब व्यक्ति
को दान करें। इस उपाय से पैसों से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती हैं।
3.
कुंडली में शनि के दोष हों या शनि की साढ़ेसाती या ढय्या चल रही हो तो
किसी पवित्र नदी में हर शनिवार काले तिल प्रवाहित करना चाहिए। इस उपाय से
शनि के दोषों की शांति होती है।
4. दूध में काले तिल मिलाकर पीपल पर चढ़ाएं। इससे बुरा समय दूर हो सकता है। यह उपाय हर शनिवार को करना चाहिए।
5.
काले तिल का दान करें। इससे राहु-केतु और शनि के बुरे प्रभाव समाप्त हो
जाते हैं। कालसर्प योग, साढ़ेसाती, ढय्या, पितृ दोष आदि में भी यह उपाय
किया जा सकता है।
हर काम में सफलता पाने के लिए करें ये पांच काम
6. हर रोज शिवलिंग पर काले तिल अर्पित करें। इससे शनि के दोष शांत होते हैं। पुराने समय से चली आ रही बीमारियां भी दूर हो सकती हैं।
ये 7 प्रकार के कछुए बदल देंगे आपकी किस्मत