जीवन में सब कुछ ठीक नहीं तो, जानिएं कौनसा ग्रह कर रहा है गडबड!

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 20 सितम्बर 2017, 11:29 AM (IST)

हमारे जीवन में कई बार ऐसी घटनाएं होने लगती हैं जिन पर हमारा बस नहीं चलता लेकिन इनमें से कुछ घटनाओं को देखकर अंदाजा जरूर लगाया जा सकता है कि इन सबके पीछे किस ग्रह की चाल है या फिर कौन से ग्रह की कुचाल से गडबड हो रही है। आइए जानें-

सूर्य: यदि जातक को सरकारी नौकरी या सरकारी कार्यों में परेशानी हो, सिर दर्द, नेत्र रोग, हृदय रोग, अस्थि रोग, चर्म रोग, पिता से अनबन आदि होने लगे तो समझिए कि सूर्य देव आपसे थोडा नाराज हैं। उनको मनाने के उपायों पर काम करना शुरू कर दीजिए।


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चंद्र: अगर किसी व्यक्ति को मानसिक परेशानियां, अनिद्रा, दमा, कफ, सर्दी, जुकाम, मूत्र रोग, स्त्रियों को मासिक धर्म, निमोनिया जैसी परेशानी होने लगे तो उन्हें चंद्र के कुप्रभावों को दूर करने पर काम करना शुरू कर देना चाहिए।

मंगल: किसी को अधिक क्रोध आना, दुर्घटना, रक्त विकार, कुष्ठ रोग, बवासीर, भाइयों से अनबन जैसी घटनाएं होने लगे तो अपने मंगल को शांत करने की व्यनवस्थार शुरू कर देनी चाहिए।

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बुध: जातक के गले, नाक और कान के रोग, स्मृति रोग, व्यवसाय में हानि, मामा से अनबन आदि होने लगे तो समझिए आपका बुध आपसे नाराज है। उनकी शांति के उपायों से ही आपको राहत मिल सकती है।

गुरु: किसी को धन व्यय, आय में कमी, विवाह में देरी, संतान में देरी, उदर विकार, गठिया, कब्ज, गुरु व देवता में अविश्वास होने लगे तो समझिए कि गुरू आपको परेशान कर रहा है। इन कामों में शांति के लिए गुरू को शांत किया जा सकता है।

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शुक्र: जीवन साथी के सुख में बाधा, प्रेम में असफलता, भौतिक सुखों में कमी व अरुचि, नपुंसकता, मधुमेह, धातु व मूत्र रोग आदि होने लगे तो मान लें कि शुक्र की आप पर कुदृष्टि है। इनकी शांति के उपाय करने लगें।

शनि: यदि किसी को वायु विकार, लकवा, कैंसर, कुष्ठ रोग, मिर्गी, पैरों में दर्द, नौकरी में परेशानी आदि होने लगे तो शनिग्रह आपसे प्रसन्न नहीं है। शनिदेव को मनाने के प्रयास करेंगे तो आपकी सभी समस्याएं दूर होने लगेंगी।

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राहु: किसी को अगर त्वचा रोग, कुष्ठ, मस्तिष्क रोग, भूत प्रेत वाधा, दादा से परेशानी आदि हो तो समझिए कि राहू आपके पीछे पडा हुआ है। ऐसे में राहू की शांति के प्रयास करने चाहिए।

केतु: अगर किसी को नाना से परेशानी, भूत-प्रेत, जादू टोने से परेशानी, रक्त विकार, चेचक आदि की परेशानी होने लगे तो समझिए कि केतु ने आपको परेशानी कर रखा है। ऐसे में केतु की शांति के उपाय करने चाहिए।

इन सभी कारणों को जानने के बाद ग्रहों के कारकत्व को ध्यान में रखते हुए शास्त्र सम्मत उपाय करना चाहिए।

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