ठंड से बचना है, तो एक नजर इधर

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 30 अक्टूबर 2017, 10:48 AM (IST)

सर्दियों के आते ही हम सब को कई तहर की नसीहतें मिलने लगती हैं। जैसे ठंडी चीजें मत खाओ वरना बीमार पड जाओगे, इस मौसम के लिए यह ठीक नहीं है। यह तुम्हें सर्दी से राहते दिलाएगा। ऐसे में मन परेशान हो उठता है और कई बार तय कर पाना मुश्किल हो जाता है। कि इस सीजन में में हमारे लिए क्या सही और क्या गलत है। कुछ विशेषज्ञों की सलाह से आपकी इसी समस्या को दूर करने की कोशिश की जा रही है। तो आइए जानते हैं-


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[@ घबराएं नहीं: आसानी से मुंह की दुर्गंध से पाएं छुटकारा]

बाहर जाते समय सिर और कान जरूर ढकना चाहिए-:
यह सह है। भले ही नानी-दादी के जमाने का यह आइडिया आपको पसंद ना आए, पर सच्चाई यही है कि हमारे कंधे से ऊपर के हिस्से में रक्त संचार की गति सबसे तेज होती है। इसी कारण सिर से सबसे ज्यादा हीट रेडिएट होता है। इसलिए अगर घर से बाहर निकलते वक्त सिर ढंक कर रखा जाए तो हीट सिर से बाहर नहीं निकल पाता और ठंडक का एहसास कम होता है। इसके अलावा कान के जरिये सर्द हवाएं हमारे नाक, गला और मस्तिष्क तक पहुंचकर उन्हें नुकसान पहुंचाती हैं। इसलिए सर्दियों में घर से बाहर निकलते समय सिर, कान और गला अच्छी तरह ढक कर रखना चाहिए।

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रूम हीटर देर तक न चलाएं-:
पूरी तरह ठीक है। दरअसल रूम हीटर वातावरण में मौजूद ऑक्सीजन और नमी को सोख लेता है। इससे कमरे में मौजूद लोगों को सांस लेने में तकलीफ, खांसी और सिरदर्द जैसी परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए कमरे में लगातार रूम हीटर नहीं चलाना चाहिए। हीटर चलाते समय उसके सामने एक बर्तन में पानी भरकर रखें। इससे वातावरण में नमी बनी रहती है। वैसे, आजकल ऑयल हीटर भी मिलते हैं, जो कमरे में तापमान, नमी और ऑक्सीजन के स्तर को संतुलित रखते हैं।

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एस्थमा के मरीजों के लिए अच्छा नहीं है-:
यह सच है, लेकिन सर्दियों की शुरूआत और इस मौसम के अंतिम दौर में यह परेशानी और ज्यादा बढ जाती है। दरअसल इस मौसम में फूलों के परागकण हवा में उडते रहते हैं। इससे एस्थमा के मरीजों की एलर्जी बढ जाती है। इसके अलावा सर्दियों में पूरे वातावरण में धूलकणों और गाडियों के धुएं का गहराआवरण छाया रहता है, जिसे स्मॉग कहा जाता है। अत: इस मौसम में कार का शीशा हमेशा बंद रखें। अपने घर के भीतर कॉर्पेट और परदों की सफाई का विशेष ध्यान रखें। एस्थमा के मरीज रात को करमरे की सारी खिडकियां बंद ना करें। इससे उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। घर से बाहर जाते समय इनहेलर हमेशा अपने साथ रखें।

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इस मौसम में हाइपरटेंशन, डिप्रेशन और हाई ब्लडप्रेशर की समस्या बढ जाती है
इस मौसम में अंत:स्त्रावी ग्रंथियों से कुछ ऐसे हॉर्मोस निकलते हैं, जो शरीर में तनाव का स्तर और ब्लडप्रेशन बढाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसलिए सर्दी के मौसम में अपने खानपान में नमक और घी तेल का यूज सीमित मात्रा में करें। अकेले रहने के बजाय ज्यादा से ज्यादा समय लोगों के बीच बिताने की कोशिश करें। इससे आप डिप्रेशन और हाइपरटेंशन जैसी समस्याओं से बचे रहेंगे। अगर आप हाई ब्लेडप्रेशर के मरीज हैं तो अपनी दवाओं का नियमित रूप से सेवन करें।

[@ घबराएं नहीं: आसानी से मुंह की दुर्गंध से पाएं छुटकारा]

सही है। ठंड से बचने के लिए इस मौसम में हमारा शरीर ज्यादा ऊर्जा बनाता है और उसे अतिरिक्त कैलरी की जरूरत होती है। इसीलिए स्वाभाविक रूप से हमारे शरीर का बेसिक मेटाबॉलिक रेट बढ जाता हे। इसी वजह से इस मौसम में हम जो भी खाते हैं, वह आसानी से पच जाता है और भोजन के प्रति हमारी रूचि बढ जाती है। सबसे अच्छी आत तो यह है कि इस मौसम में पौष्टिक गुणों से भरपूर फलों और सब्जियों की इतनी वरायटी मौजूद होती है कि इस मौसम में आप सेहत बनाने के साथ स्वादों की विविधता का भी पूरा आनंद उठा सकते हैं। इसीलिए जाडे को हैल्दी सीजन कहा जाता है, पर इस मौसम में आपका घी-तेल, मक्खन, चीनी और ड्राई फ्रूट्स जैसी ज्यादा कैलरी वाली चीजों का सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए, ताकि सर्दियों के बाद आप ओवरवेट ना हों। बेशक, इस मौसम में मिलने वाली हरी पत्तेदार सब्जियों और फलों का भरपूर सेवन आपका इम्यून सिस्टम मजबूत में मददगार साबित होगा।

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