नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी विदेश में छुट्टियां मनाकर
मंगलवार को देश लौट आए हैं। इसी के साथ राहुल गांधी आज कांग्रेस के वरिष्ठ
नेताओं से मुलाकात कर आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा करेंगे।
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनकी मुलाकात भी
हो सकती है। यूपी में महागठबंधन के बैकग्राउंड पर राहुल गांधी और अखिलेश
यादव के बीच आपसी सहमति बन चुकी है। सूत्रों का कहना है कि राहुल और अखिलेश
मिलकर उत्तर प्रदेश में डिंपल यादव और प्रियंका गांधी के साथ मिलकर भाजपा
को रोकने की तैयारी की रणनीति बना चुके हैं।
यूपी में सपा और कांग्रेस
गठबंधन की खबरें काफी दिनों से चल रही हैं। सपा में जारी अंदरूनी कलह अभी
भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। मुलायम ने सोमवार को मीडिया से बात करते
हुए कहा था कि अखिलेश से उनका कोई मतभेद नहीं है और पार्टी एक है। मुलायम
के रुख में आई नरमी के इस संकेत के बाद अखिलेश यादव उनसे मिलने पहुंचे हैं।
दोनों की यह मुलाकात फिलहाल जारी है।
मुलायम सिंह अभी भी अखिलेश को
सीएम का चेहरा बताकर इस उम्मीद में हैं कि वह शिवपाल और अमर सिंह को यूपी
की राजनीति से किनारे करने को तैयार हैं लेकिन अखिलेश उस रामगोपाल को
किनारे करें जो बिहार विधानसभा चुनाव से पहले संयुक्त जनता परिवार के
अध्यक्ष बनाए गए मुलायम सिंह यादव को यह कहते रहे कि इसका हिस्सा मत बनिए,
यूपी में सीमित रहिए। सूत्रों के मुताबिक, मुलायम सिंह कहते हैं कि उस
दौरान रामगोपाल यादव की भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ मिलने की तस्वीरें
और वीडियो भी सामने आए थे।
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सपा और कांग्रेस के बीच आने वाले दिनों में समझौता तकरीबन तय दिखाई दे रहा
है। बात समाजवादी पार्टी के अखिलेश गुट की है, जिसके साथ लगातार कांग्रेस
के रणनीतिकार प्रशांत किशोर संपर्क में रहे हैं। वह बता चुके हैं कि समझौता
तकनीकी तौर पर जीत और हार के लिहाज से होना चाहिए। राहुल गांधी और अखिलेश
यादव प्रशांत किशोर की दोनों बातों से सहमत हैं। सूत्र बताते हैं कि सब कुछ
सही दिशा में चल रहा है।
मंगलवार को अखिलेश यादव दिल्ली आ सकते हैं और
राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं, जिसके बाद अगले दो-चार दिनों में
समाजवादी पार्टी कांग्रेस के साथ अजित सिंह की आरएलडी, संजय निषाद की निषाद
पार्टी, पीस पार्टी, राजद, अपना दल का दूसरा गुट अनुप्रिया पटेल के खिलाफ
है, पीस पार्टी जैसे छोटे दल मिलकर बिहार की तर्ज पर महागठबंधन बनाएंगे।
इससे बिहार की तर्ज पर नीतीश कुमार की भूमिका में अखिलेश यादव नजर आएंगे।
इसलिए सियासी दांव पेंच के राउंड रोबिन आधार पर मैच जारी है।
सूत्रों की
मानें तो अखिलेश यादव ने तय कर लिया है कि इस समाजवादी पार्टी का नाम और
चुनाव चिह्न या तो उनका होगा या फिर फ्री होगा। इसके बाद ही मुलायम के
अखिलेश समाजवादी पार्टी से प्रोग्रेसिव समाजवादी पार्टी के मुखिया बनकर
साइकिल के विकास को आगे बढ़ाते हुए मोटरसाइकिल को प्राचीन बनाएंगे। हालांकि
क्या यह संभव हो पाएगा इसके लिए इंतजार करना होगा।
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राहुल गांधी ने 31 दिसंबर को ट्वीट कर जानकारी दी है कि वह कुछ दिनों की
छुट्टी पर विदेश जा रहे हैं। इस बीच, चुनाव आयोग पांच राज्यों में विधानसभा
चुनावों की तारीखों की घोषणा कर चुका है। सोमवार को कांग्रेस ने पंजाब में
अपना घोषणा पत्र जारी किया। हालांकि राहुल गांधी विदेश में होने के कारण
कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए। उनकी गैर मौजूदगी में पूर्व मीएम मनमोहन
सिंह ने पार्टी का घोषणा पत्र जारी किया था।
मंगलवार को राहुल ने कांग्रेस
नेताओं की मीटिंग बुलाई है, जिसमें विस्तृत चर्चा होने की उम्मीद है।
नोटबंदी पर मोदी सरकार पर निशाना साध रहे राहुल के नए साल पर छुट्टी पर चले
जाने पर सोशल मीडिया में काफी कमेंट्स किए गए थे। राहुल के वापस आ जाने पर
नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर को कांग्रेस में जल्द ही शामिल
हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, सिद्धू ने राहुल के वापस आ जाने पर ही
कांग्रेस में शामिल होने की मांग की थी।
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