नोटबंदी के दो महीने बाद भी बीकानेर के एटीएम में नकदी का अभाव

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 09 जनवरी 2017, 11:47 AM (IST)

बीकानेर। एक हजार रुपए और पांच सौ रुपए को प्रचलन से बाहर हुए दो महीने का समय बीत चुका है। नोटबंदी के बाद लोगों ने बैंकों में पुराने नोट जमा तक करा दिए हैं। आरबीआई से भी कैश पहले से ज्यादा तेजी से आ रहा है। इसके बावजूद अभी तक जिले के आधा दर्जन निजी बैंकों में पर्याप्त राशि नहीं होने से लोगों को दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है। हालात यह हैं कि जिले भर में अधिकांश निजी बैंकों के एटीएम कैशलेस बने हुए हैं। सूत्रों के अनुसार जिले में 36 बैंकों की 276 ब्रांच हैं, जिनके 308 एटीएम लगे हुए हैं। मगर, निजी बैंकों के एटीएम में नियमित रूप से कैश नहीं भरा जा रहा है। शहर के बहुत से एटीएम ऐसे हैं, जिनमें करीब एक महीने से ज्यादा का समय बीतने के बाद भी कैश नहीं भरा गया है। ऐसे में नकदी की निकासी की उम्मीद लेकर इन एटीएम पर आने वाले लोगों को निराश लौटना पड़ रहा है। हालांकि जिले में सरकारी बैंकों के एटीएम में कैश लोगों को मिल रहा है लेकिन, वहां पर अभी भी कतार लगती हैं। लोगों को नकदी निकालने के लिए काफी समय तक कतार में लगना पड़ता है। तब जाकर उन्हें नकदी मिलती है। ग्रामीण क्षेत्रों में हालात बेहद ज्यादा खराब हैं। सरकारी बैंकों की ओर से एटीएम में अब 500 और 100 रुपए के छोटे नोट डाले जा रहे हैं। प्राइवेट बैंकों के एटीएम में जरूर कैश की किल्लत है। उधर, दो हजार रुपए का नोट केवल लोगों के लिए नहीं बल्कि छोटे दुकानदारों के लिए भी सिरदर्द बन चुका है। बीकानेर जिले में आईडीबीआई, एक्सिस, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, बंधन बैंक और यस बैंक की ब्रांच के करीब 40 एटीएम हैं। इस बारे में एसबीआई के चीफ मैनेजर मुकेश यादव ने बताया कि ये निजी बैंक पूरी तरह से जमाओं पर निर्भर है। उक्त बैंकों की चेस्ट ब्रांच जयपुर या फिर जोधपुर में हैं। इस वजह से उन्हें नियमित कैश नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में एटीएम खाली है। सरकारी बैंकों के एटीएम में अब पहले जैसी कैश की किल्लत नहीं है। पांच सौ रुपए और 100 रुपए के नए नोट आना शुरू हो चुके हैं, जो एटीएम में भी भरने शुरू कर दिए है।

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