सपा की साइकल फंसी: मुलायम लखनऊ लौटे,अखिलेश ही खेवनहार!

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 05 जनवरी 2017, 8:46 PM (IST)

लखनऊ। यूपी में समाजवादी पार्टी में मचा बवाल शांत होने की ओर बढता लग रहा है। विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऎलान के बाद मुलायम और बेटे अखिलेश दोनों के खेमों में अंदरखाने सुलह की कोशिशें तेज रहीं। सूत्रों के मुताबिक चुनाव चिन्ह साइकल को विवाद में फंसता देख मुलायम और शिवपाल बैकफुट पर हैं और पार्टी की कमान पूरी तरह अखिलेश यादव को सौंपी जा सकती है। मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव ने अमर सिंह से दिल्ली में बात की और शाम को तीनों लखनऊ आ गए। वहीं अखिलेश यादव भी 4 विक्रमादित्य मार्ग स्थित अपने आवास पहुंचे।

माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी अखिलेश के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव लडेगी। चुनाव अति निकट हैं, ऎसे में मुलायम सिंह यादव ने भी किसी तरह विवाद को खत्म करने या फिर टाल देने में ही अपनी भलाई समझी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की बुलाई गई बैठक में उनके समर्थक विधायकों और मंत्रियों ने अखिलेश यादव को हलफनामा सौंपा। विधायकों से लिए गए हलफनामे को अखिलेश चुनाव आयोग को सौंपेंगे।

[@ Exclusive:खेल संघों में राजनीति के खिलाड़ियों का खेल]


दरअसल चुनाव आयोग ने 9 जनवरी तक सपा के दोनों गुटों से हलफनामे मांगे हैं। सपा के करीब 220 विधायकों और 60 विधान परिषद सदस्यों ने अखिलेश को हलफनामे सौंपे। अखिलेश की बुलाई बैठक में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के समधी और एसपी के एमएलसी जितेंद्र यादव भी शामिल हुए थे। जितेंद्र यादव को शिवपाल यादव का करीबी माना जाता है।

बैठक में अखिलेश ने विधायकों को भरोसा दिलाया कि यहां बैठक में जो भी आया है, उसका टिकट नहीं काटा जाएगा। अखिलेश यादव ने बैठक में यह भी कहा कि मैं चुनाव के मद्देनजर सिर्फ 3-4 महीने समाजवादी पार्टी की बागडोर संभालूंगा। उन्होंने कहा कि चुनाव बाद नेताजी जैसा कहेंगे,वैसा ही करूंगा। इस बात से भी यह संकेत मिल रहा है कि चुनाव को देखते हुए दोनों गुट फिलहाल विवाद को टालने के मूड में हैं। अखिलेश ने बैठक में यह भी कहा कि इस बार नेताजी दिल्ली से आयेंगे तो हम खुद लखनऊ एयरपोर्ट पर उनको रिसीव करने जाएंगे।

[@ खास खबर EXCLUSIVE: सांसद सुरेन्द्र नागर ने समाजवादी विवाद पर तोड़ी चुप्पी]


समाजवादी पार्टी का विवाद सुलझने के बाद अखिलेश कांग्रेस से गठबंधन कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अखिलेश यादव के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत बन चुकी है। हालांकि गठबंधन होने की सूरत में अपना कद घटने के डर से कांग्रेस के कुछ बडे नेता और टिकट कटने के डर से ज्यादातर कांग्रेसी उम्मीदवार गठबंधन का विरोध कर रहे हैं।

सूत्रों के हवाले से खबर है कि अमर सिंह पार्टी से इस्तीफा देने को तैयार हैं और शिवपाल भी पार्टी छोडने को तैयार हैं। यही नहीं अखिलेश के लिए शिवपाल अपनी सीट जसवंत नगर सीट छोडने को तैयार हैं, लेकिन मुलायम सिंह अडे हुए हैं। उनका कहना है कि मुझे अध्यक्ष पद से हटाया नहीं जा सकता। हम अखिलेश से लडने को तैयार हैं। मुलायम और शिवपाल दिल्ली में हैं जहां मुलायम के घर पर बैठक हुई।

[@ Exclusive:खेल संघों में राजनीति के खिलाड़ियों का खेल]


इस बीच अखिलेश ने शिवपाल के बर्खास्त किए गए चार जिला अध्यक्षों को पार्टी में वापस ले लिया है। कुछ दिन पहले शिवपाल यादव ने देवरिया के राम इकबाल यादव, कुशीनगर के राम अवध यादव, आजमगढ के हवलदार यादव और मिर्जापुर के आशीष यादव को जिला अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया था। ये सभी लोग अखिलेश खेमें के माने जाते हैं। अखिलेश यादव ने सपा के सभी जिला इकाइयों को चुनाव की तैयारी करने के आदेश दिए।

इधर आजम खान सुलह की कोशिशों में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि मैं नाउम्मीद नहीं हूं। यह सब क्यों हुआ किसी से छिपा नहीं है, लेकिन कुछ लोग नहीं चाहते कि दोनों साथ आएं।

[@ EXCLUSIVE: पांच राज्यों के चुनाव में आखिर किसके सर होगा ताज?]

अखिलेश ने कहा कि जनता ने मन बना लिया है कि आने वाले समय में समाजवादी पार्टी की सरकार बने। उन्होंने इशारों-इशारों में यह भी कहा कि जब चुनावी तारीख आ जाएं तो समझ लो लडाई शुरू हो गई और मैं चाहता हूं कि प्रदेश की जनता एक बार फिर काम करने वालों को वोट दे। सुलह की संभावना को लेकर अखिलेश यादव ने सीधा कोई जवाब नहीं दिया।

पार्टी में घमासान और समझौते के मुद्दे को लेकर अखिलेश ने कहा, मैं समझता हूं कि यह समय ऎसा है कि समाजवादी सिद्धांत कैसे आगे बढें। समाजवादी विचारधारा और कैसे आगे तक जाएं. समाजवादियों के आशीर्वाद से मुझे काम करने का मौका मिला, शायद उन्हीं का आशीष था कि काम हो पाए।

[@ वर्ष 2016 की वे खबरें जो बनी पूरे विश्व में चर्चा का विषय ]