लखनऊ/नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी की तकरार का कोई हल निकल नहीं रहा। मंगलवार को
दोनों गुटों में सुलह की कोशिश नाकाम हो गई। मुलायम सिंह यादव और यूपी के
सीएम अखिलेश यादव के बीच मंगलवार को करीब 3 घंटे तक चली मुलाकात में बात
नहीं बनी।
सूत्रों के मुताबिक दोनों पक्ष अपनी-अपनी शर्तों को लेकर अड़ गए
हैं। दरअसल, बातचीत में अखिलेश राज्य में टिकट बंटवारे में अपना एकाधिकार,
अमर सिंह को पार्टी से निकालने और शिवपाल सिंह यादव को यूपी के प्रदेश
अध्यक्ष पद पर से हटाने पर अड़े हुए थे वहीं, मुलायम इन शर्तों पर राजी
नहीं हुए। उधर अखिलेश धड़े के रामगोपाल सिंह यादव ने पार्टी में किसी तरह की सुलह की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है।
इससे पहले की खबर के अनुसार...
क्या मुलायम सिंह यादव और बेटे एवं सीएम अखिलेश यादव के बीच फिर से सुलह होने जा रही है। इन अटकलों को उस वक्त बल मिला, जब सीएम अखिलेश मंगलवार दोपहर मुलायम से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक, बाप-बेटे के बीच करीब चार घंटे तक चली बैठक बड़े सौहाद्र्रपूर्ण वातावरण में हुई और इस दौरान सुलह का फार्मुला तैयार कर लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश ने मुलायम को राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहने का प्रस्ताव दिया है, वहीं अखिलेश राज्य में टिकटों के बंटवारे पर एकाधिकार चाहते हैं। फार्मुले के तहत अखिलेश को यूपी प्रदेश अध्यक्ष का पद फिर से मिल सकता है। शिवपाल यादव को पार्टी में राष्ट्रीय भूमिका दी जा सकती है।
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सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश ने मुलायम से कहा है कि शिवपाल यादव को प्रदेश
की राजनीति से दूर रखा जाए। इसके लिए उन्हें केंद्र की राजनीति में भेजने
का सुझाव दिया। अखिलेश ने अमर सिंह को पार्टी से बाहर निकालने की मांग भी
दोहराई है। मुलायम की नाराजगी का शिकार हुए रामगोपाल यादव को भी लेकर
अखिलेश ने शर्त रखी है। अखिलेश ने मुलायम से मांग की है कि रामगोपाल को फिर
से पार्टी में जगह और अधिकार दिए जाएं। फार्मुले के तहत सभी नेता यूपी
चुनावों पर फोकस करेंगे और मिलकर अभियान में जुटेंगे। मुलायम सिंह स्टार
कैंपेनर होंगे।
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बता दें कि मुलायम को बेदखल करके अखिलेश की ओर से पार्टी
की कमान संभालने के बाद दोनों में सुलह की गुंजाइश खत्म सी नजर आ रही थी।
इन बातों को और ज्यादा बल उस वक्त मिला, जब दोनों खेमे चुनाव आयोग के पास
पहुंचे और चुनाव चिह्न साइकिल पर अपना दावा ठोका। रामगोपाल यादव ने तो आयोग
के अधिकारियों से कहा कि सपा के 90 फीसदी विधायक और नेता अखिलेश यादव के
साथ हैं। इसके बाद ही सुलह का रास्ता बंद होते नजर आया।
ऐसे शुरू हुईं सुलह की कोशिशें
मंगलवार
को सुलह का रास्ता उस वक्त खुलते नजर आया, जब अखिलेश की ओर से सपा नेता
आजम खान मुलायम से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचे। हालांकि, मुलायम ने उनसे
वहां मुलाकात नहीं की और लखनऊ के लिए रवाना हो गए। आजम से जब इस बारे में
पूछा गया तो उन्होंने दिल्ली आने की वजह बताने से इनकार कर दिया।
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