Exclusive: आखिर क्या कहता है सपा का संविधान

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 03 जनवरी 2017, 11:39 AM (IST)

उमाकांत त्रिपाठी
सपा के संविधान के सेक्शन 14 के सब-क्लॉज 2 के अनुसार पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन केवल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बुला सकते हैं। पार्टी अध्यक्ष ये अधिवेशन राष्ट्रीय कार्यकारिणी के प्रस्ताव पर या 40 प्रतिशत राष्ट्रीय प्रतिनिधियों की मांग पर बुला सकते हैं। सेक्शन 14 के सब-क्लॉज 4 के अनुसार राष्ट्रीय अधिवेशन में लिए गए फैसले पर चुने हुए या नामित प्रतिनिधियों द्वारा आपत्ति जताए जाने पर राष्ट्रीय अध्यक्ष का फैसला आखिरी होगा। सपा के संविधान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष के फैसले को किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती।

सपा के संविधान के सेक्शन 15 के अनुसार राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अध्यक्ष राष्ट्रीय और विशेष अधिवेशनों की अध्यक्षता करेंगे। इसी सेक्शन के एक सब-क्लॉज के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुशासनहीनता के आरोप में किसी पर कार्रवाई कर सकते हैं। इस फैसले को भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती।

सूत्रों के अनुसार इन नियमों के तहत ही मुलायम का धड़ा चुनाव आयोग में ये साबित करने की कोशिश करेगा कि रविवार (एक जनवरी) को बुलाया गया सपा का राष्ट्रीय अधिवेशन नियम विरुद्ध था।

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वहीं अखिलश का धड़ा बहुमत परीक्षण पर जोर देना चाहेगा क्योंकि रविवार को अखिलेश के पक्ष में ज्यादा पार्टी नेता, पदाधिकारी, सांसद, विधायक नजर आए। राम गोपाल यादव पहले ही दावा कर चुके हैं कि वो रविवार को उनके अधिवेशन में आए सभी पार्टी पदाधिकारियों से दस्तखत ले चुके हैं।

अगर चुनाव आयोग सपा के संविधान को तरजीह देता है तो मुलायम गुट को फायदा हो सकता है।
लेकिन ये पूरी प्रक्रिया 3 से 4 महीने की है, इसलिये जानकारों के मुताबिक साइकिल सिम्बल फ्रीज किया जायेगा और दोनों ही दलों को अलग अलग सिम्बल दिया जायेगा, लेकिन चुनावी मैदान में बिना किसी दल के नाम के जाना होगा।

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