‘2.0’: छह ने छोडी, अक्षय ने पकडी, अब हैं नंबर वन

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 30 नवम्बर 2016, 11:36 PM (IST)

मुंबई में भव्य समारोह में जारी की गई 2.0 की पहली झलक के बाद लगातार चर्चाओं में बनी यह फिल्म आगामी वर्ष दीवाली पर क्या कारनामा करती है यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन फिलहाल इस फिल्म को दर्शकों के जेहन में लगातार डालने का प्रयास किया जा रहा है। आए कोई न कोई बात मीडिया के जरिए दर्शकों के सामने आ रही है। अब दर्शकों को यह बताया जा रहा है कि आखिर किस तरह से रजनीकांत की यह फिल्म अक्षय कुमार के पास आई। कहा जा रहा है कि 350 करोड के भव्य बजट में बनी इस फिल्म के क्लाइमैक्स पर 20 करोड का खर्चा आया है। इतने रुपये में तो कम से कम दो छोटे बजट की फिल्में आसानी से बनाई जा सकती हैं। बाहुबली के बाद भारत की यह दूसरी ऐसी फिल्म है जिसके वीएफएक्स पर दिल खोलकर खर्च किया जा रहा है। इससे महंगी फिल्म सिने उद्योग के इतिहास में कोई नहीं बनी है।


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कहा जा रहा है कि अक्षय कुमार से पहले निर्देशक शंकर डॉक्टर रिचर्ड के किरदार के लिए दक्षिण, बॉलीवुड और हॉलीवुड के सितारों के पास गए थे लेकिन सबने इस किरदार से इंकार कर दिया। एक मात्र सितारे नील नितिन मुकेश ऐसे थे, जो इस किरदार को करना चाहते थे, लेकिन रजनीकांत के सामने उनको मुकाबले में कमजोर पाया गया जिसके चलते नील नितिन मुकेश के नाम पर सहमति नहीं बन सकी। शंकर ने हॉलीवुड के सितारे अर्नाल्ड श्वार्जनेगर के अतिरिक्त बॉलीवुड के आमिर खान, ऋतिक रोशन, दक्षिण भारत के विक्रम से बात की, लेकिन हरके ने कोई न कोई बहाना करके फिल्म में काम करने से इंकार कर दिया। निर्देशक शंकर ने डॉक्टर रिचर्ड का किरदार कमल हासन को ध्यान में रखते हुए लिखा था। कमल हासन अत्यन्त प्रतिभाशाली हैं, लेकिन लोकप्रियता के मामले में वे रजनीकांत से कम हैं। कमल हासन ने शायद इसी के चलते रजनीकांत के सामने खलनायक बनने का साहस नहीं किया।


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आधा दर्जन सितारों द्वारा ठुकराए गए इस किरदार का प्रस्ताव लेकर शंकर अक्षय कुमार के पास पहुंचे। अक्षय कुमार ने अपने किरदार को सुनने के तुरंत बाद फिल्म में काम करने की स्वीकृति दे दी लेकिन उन्होंने इसके बदले में 45 करोड की मोटी फीस की मांग की। शंकर ने उनकी मांग पूरी की और इस तरह से बॉलीवुड के खिलाडी कुमार तमिल फिल्मों में बतौर खलनायक प्रवेश कर गए। अक्षय कुमार को इस किरदार के लिए खास मेकअप करना पडता है जिसे लगाने और उतारने में लगभग 5 घंटे का समय लगता है। ऐसा पहली बार होगा जब रजनीकांत की फिल्म के पोस्टरों में किसी को उनके बराबर जगह दी जाएगी। अक्षय कुमार को इस फिल्म के पोस्टरों में बराबर की जगह मिली है।


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अक्षय कुमार को अपने साथ जोडने के बाद से ही निर्देशक शंकर इस फिल्म की लागत निकलने की बात करने लगे हैं। सिनेमाघरों और वितरण क्षेत्रों के लिहाज से उत्तर भारत दक्षिण भारत से कहीं बडा है। इसके अतिरिक्त रजनीकांत दक्षिण भारत में तो अपने नाम पर कारोबार करने में कामयाब होते हैं लेकिन हिन्दी भाषी क्षेत्र में उनके नाम पर दर्शक सिनेमाघरों में कम आते हैं।


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जब से इस फिल्म से अक्षय कुमार जुडे हैं दर्शकों का क्रेज इस फिल्म के प्रति बढ गया है, जिसे देखकर ऐसा महसूस हो रहा है कि यह फिल्म अपनी लागत 350 करोड रुपये में से लगभग 125 करोड रुपया अक्षय कुमार के नाम पर हिन्दी बेल्ट से वसूल करने में सफल होगी। वैसे भी दीवाली जैसे मौके पर इसे प्रदर्शित किया जा रहा है जब सिनेमाघरों की टिकट दरों में वृद्धि की जाती है और कम से कम 25 प्रतिशत व्यवसाय आम दिनों से ज्यादा होता है।
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