लाइन में खड़े-खड़े टूट रहा सब्र का बांध

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 30 नवम्बर 2016, 3:47 PM (IST)

हनुमानगढ़। पीएम नरेंद्र मोदी की नोटबंदी की घोषणा को तीन सप्ताह हो चुके हैं और बैंकों की व्यवस्था में अभी तक सुधार के कोई संकेत नजर नहीं आ रहे हैं। एटीएम और बैंकों के बाहर लगातार 22वें दिन लंबी-लंबी कतारों में खड़े होने वाली जनता का अब मूड बदल रहा है। पहले अधिकतर लोग ‘भारत-निर्माण’ के लिए लंबी-लंबी कतारों में खड़े होने और कई तरह की मुसीबतों को झेलने को खुशी-खुशी तैयार थे लेकिन अब उनका यह उत्साह धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है। धीरे-धीरे लोगों के सब्र का बांध टूटने लगा है। बैंकों में कैश निकलवाने तथा जमा करवाने में उन्हें खासी दिक्कतें पेश आ रही हैं। बैंकों के आगे लगी भीड़ से बुजुर्गों व दिव्यांगों को अलग कतार की सहूलियत का सरकारी निर्देश पूरा नहीं हुआ है। बुधवार को भी बुजुर्ग व दिव्यांग भीड़ में फंसते हुए परेशान हो गए। नोटबंदी के बाद में बैंकों में न तो नए खाते खोले जा रहे हैं और ना ही अन्य कार्य हो रहे हैं। सुबह से लेकर शाम तक लोगों के रुपए जमा करवाने व निकलवाने के अलावा कोई कार्य नहीं हो रहा। अधिकांश बैंकों में दोपहर के बाद रुपए खत्म होने का कहकर लाइनों को हटा दिया जा रहा है। वहीं शहर में एटीएम मशीनों में रुपए नहीं होने के कारण अधिकांश पर ताले लटके हुए हैं तो कुछ में रुपए होने के कारण लम्बी कतारें लग रही हैं। बैंकों के आगे भीड़ लगातार बढऩे के साथ ही अब सब्र टूटने लगा है। आपस में उलझने और हंगामे की स्थितियों पैदा होने लगी हैं। शुरुआती दिनों में पीएम मोदी के जिस फैसले की लोग तारीफ किया करते थे, आज बैंकों की अव्यवस्था देखकर उनके चेहरों पर निराशा भी साफ दिखने लगी है। जंक्शन की धान मण्डी स्थित भारतीय स्टेट बैंक व एटीएम पर एकदम सुबह ही इतनी लंबी कतार कि किसी को शायद ही उम्मीद रही होगी।
इसके अलावा सूरतगढ़ रोड स्थित आईडीबीआई के एटीएम में भी कुछ इसी तरह के हालात थे। कई बैंकों में सुबह कैश नहीं पहुंचा तो सुबह से ही लंबी लाइन लगाकर खड़े लोगों को जब बैंक खुलने पर पता चला कि कैश नहीं है तो उनके सब्र का बांध टूटता नजर आया। जंक्शन में बस स्टैंड के पास स्थिति ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की शाखा में भी कैश नहीं होने के कारण घंटों से लाइन में खड़े लोगों को परेशानी हुई। लोग बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों को कोसते हुए वहां से चले गए। इसके अलावा बुधवार को जिलेभर में कई बैंक शाखाओं में विवाद होने की जानकारी सामने आई। निकटवर्ती कस्बा संगरिया के भारतीय स्टेट बैंक में बुधवार सुबह साढ़े दस बजे पब्लिक और बैंक कर्मचारियों के बीच में झगड़ा हो गया। झगड़ा कैश नहीं देने को लेकर हुआ। लोगों का आरोप था कि मंगलवार को बैंक ने 11 बजे तक कैश दिया और शाम को शहर के कुछ बड़े लोगों को कैश दिया गया। लोगों का कहना था कि बैंक ने साढ़े दस बजे तक कैश नहीं होने का बोर्ड नहीं लगाया। वे सुबह 8 बजे से ही भूखे-प्यासे कतारों में लगे हुए हैं। जब बैंक शाखा खुली तो बैंक का गेट बन्द कर दिया गया। इससे वहां खड़े लोग भडक़ गए। हंगामे की स्थिति पैदा होने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत करवाया।
उधर, गोगामेड़ी पुलिस थाना क्षेत्र के गांव मुंसरी में आईसीआईसीआई बैंक के सामने ग्रामीणों ने बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों पर पैसे नहीं देने का आरोप लगाते हुए धरना-प्रदर्शन किया। सूचना मिलते ही गोगामेड़ी पुलिस थाने के प्रशिक्षु थानाधिकारी लखवीर सिंह गिल मय जाब्ता मौके पर पहुंचे। बैंक मैनेजर ने बताया कि बुधवार शाम तक बैंक में कैश पहुंचेगा। बैंक में कैश आते ही लोगों को बांट दिया जाएगा। उन्होंने आरबीआई के नियमों की पालना की बात कही। जिसके बाद मामला शांत हुआ।


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