अजमेर। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) अब कॉलेज और विश्वविद्यालयों को कैशलेस बजट कैशलेस उपलब्ध कराएगी। इसके लिए बैंकर्स चेक अथवा डेबिट-क्रेडिट कार्ड से राशि का उपयोग किया जा सकेगा। इसको लेकर यूजीसी ने कॉलेज और विश्वविद्यालयों को निर्देश भिजवाए हैं। देश में पांच सौ और हजार रुपए के पुराने नोट बंद करने के बाद प्लास्टिक मनी और कैशलेस योजना पर विशेष जोर दिया जा रहा है। बैंक, रेलवे सहित विभिन्न महकमों की तरह यूजीसी ने भी कैशलेस संस्थान बनने का फैसला किया है। सचिव प्रो. जसपाल सिंह संधु ने सभी केंद्रीय, राज्य स्तरीय, डीम्ड विश्वविद्यालय और कॉलेजों को पत्र भेजा है। प्रो. संधु ने बताया कि यूजीसी से मिलने वाली ग्रांट और बजट को विवि और कॉलेज चेक अथवा डेबिट-क्रेडिट कार्ड से उपयोग कर सकेंगे। यूजीसी भविष्य में कैशलेस बजट मुहैया कराएगा। साथ ही यूजीसी से जुड़े अन्य भुगतान भी इन्हीं माध्यमों से होंगे। डिमांड ड्राफ्ट और नकद में बजट का उपयोग नहीं किया जाएगा। यूजीसी विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियों का भुगतान पहले ही बैंक से कर रही हैं।
रखनी होगी स्वाइप मशीन
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भविष्य में संस्थाओं को यूजीसी से जुड़े भुगतान के लिए स्वाइप मशीन भी
रखनी होंगी। इससे बैंकर्स चेक की अनुपलब्धता अथवा विशेष परिस्थितियों में
उन्हें राशि प्राप्ति एवं भुगतान में दिक्कतें नहीं होंगी। स्वाइप मशीन से
विद्यार्थी भी छात्रवृत्ति तत्काल निकाल सकेंगे।
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