14 साल पहले ली थी रिश्वत, अब मिली 3 साल की जेल

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 30 नवम्बर 2016, 08:57 AM (IST)

जयपुर। चौदह साल पहले रिश्वत लेते पकड़े गए एक बाबू को अधीनस्थ न्यायालय ने तीन साल जेल की सजा सुनाई है। बाबू ने विद्युत ठेकेदारी के लाइसेंस के लिए पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया था। उल्लेखनीय है कि मामले में शिकायतकर्ता और रिश्वत का सत्यापन करने गया एसीबी का कांस्टेबल दोनों पक्षद्रोही हो गए थे। न्यायालय ने शिकायतकर्ता पर झूठी गवाही देने का मामला चलाने का आदेश दिया है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायालय संख्या एक के न्यायाधीश बलजीत सिंह ने बिजली कंपनी के बाबू रमेश चंद शर्मा को तीन साल की सजा सुनाई है। एसीबी के वकील महेन्द्र व्यास ने बताया कि रमेश चंद शर्मा साल 2002 में बापूनगर स्थित विद्युत निरीक्षक कार्यालय में वरिष्ठ लिपिक था। उस समय राम रतन अग्रवाल ने विद्युत ठेकेदारी के लाइसेंस के लिए आवेदन किया। लाइसेंस जारी करने के लिए नोटशीट चलाने की एवज में पांच हजार रुपए की रिश्वत मांगी। अग्रवाल ने इसकी शिकायत एसीबी में की। एसीबी ने मामले के सत्यापन के लिए कांस्टेबल शंकर तंवर को भेजा। पुष्टि होने पर एसीबी ने 28 अगस्त 2002 को रमेश को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। ट्रायल के दौरान शिकायतकर्ता और कांस्टेबल दोनों पक्षद्रोही हो गए। न्यायालय ने अन्य सबूतों के आधार पर आरोपी को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। साथ ही झूठी गवाही देने के आरोप में शिकायतकर्ता पर मुकदमा चलाने का आदेश दिया। न्यायालय की ओर से शिकायतकर्ता राम रतन अग्रवाल को नोटिस जारी कर पूछा गया है कि क्यों न उनके खिलाफ झूठी गवाही देने का मुकदमा चलाया जाए।


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