जयपुर। किराया नियंत्रण कानून अब राजस्थान केे सभी
शहरों में लागू होगा, जो अब तक केवल 44 शहरों में ही लागू था। मुख्यमंत्री
वसुंधरा राजे की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केबिनेट की बैठक में कई अहम
फैसले किए गए। कैबिनेट ने किराया नियंत्रण कानून में संशोधन के लिए
आॅर्डिनेंस को मंजूरी दी है, एक दो दिन में आॅर्डिनेंस जारी हो जाएगा। इसके साथ ही कैदियों की वीसी से पेशी होगी, अनुकंपा नियुक्ति में भी कर्मचारियों को राहत दी गई है।
बेदखली को छोड़ किराया ट्रिब्यूनल के ज्यादातर अधिकार एसडीएम को दिए गए है,
एसडीएम को किराया नियंत्रण प्राधिकारी बनाया है। किरायानामा एसडीएम के
यहां रजिस्टर्ड होगा, मकान मालिक और किराएदारों के विवाद अब एसडीएम सुनेगा।
कैबिनेट ने एक और अहम फैसला करते हुए सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ
इस्तागासे से मामला दर्ज कराने में अब जांच शुरू करने से पहले अभियोजन
स्वीकृति लेना अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए धारा 256 (3) में संशोधन को
मंजूरी दी गई है। इसके बाद अब इस्तगासे के आधार पर सरकारी कर्मचारी के
खिलाफ सीधे जांच शुरू नहीं होगी। जांच शुरू करने से पहले संबंधित विभाग के
विभागाध्यक्ष से अभियोजन स्वीकृति लेनी होगी, उसके बाद ही जांच शुरू होगी।
छह माह में अभियोजन स्वीकृति पर फैसला करना होगा।
कैदियों की अब जेल से ही वीसी के जरिए पेशी
कैबिनेट ने जेल से कैदियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी के लिए
सीआरपीसी कानून में संशोधन को मंजूरी दी है। इस संशोधन के आॅर्डिनेंस को
राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। पहले सेशन कोर्ट सुनवाई की
जगह हाईकोर्ट की मंजूरी से या खुद बदल सकता था, लेकिन अभियुक्त और अभियोजन
पक्ष की मंजूरी लेनी होती थी। अब संशोधन करके राष्ट्रीय सुरक्षा या कानून
व्यवस्था के आधार पर दोनों पक्षों की मंजूरी के बिना ही सुनवाई का स्थान
बदलने और आॅडियो विजुअल गवाही का प्रावधान भी जोड़ा गया है।
सड़क सुरक्षा नीति को कैबिनेट की मंजूरी
प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा नीति को
कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इस नीति में दुर्घटनाओं की संख्या आधी करने पर
जोर दिया है। सड़क सुरक्षा नीति में सड़क सुरक्षा के लिए रोड सेफ्टी फंड
बनाने, दुर्घटना संभावित 927 ब्लैक स्पॉट को सुरक्षित बनाने की बात कही है।
सड़क सुरक्षा नीति में इंटेलीजेंट ट्रासपोर्ट सिस्टम बनाने, पुराने वाहनों
को फैज मेनर में हटाने के प्रावधान किए गए हैं। इस नीति के बाद नियम
बनेंगे और इसका नोटिफिकेशन किया जाएगा।
अनुकंपा नियुक्ति वाले कर्मचारियों को राहत
कैबिनेट ने अनुकंपा नियुक्ति पर लगे मृतक आश्रितों और विधवाओं को बड़ी राहत
दी है। अनुकंपा नियुक्ति पर लगे मृतक आश्रितों कर्मचारियों को तीन साल में
कंप्यूटर योग्यता या टाइप योग्यता हासिल नहीं करने पर नौकरी से हटाने का
प्रावधान बदल दिया गया है। अब तीन साल में योग्यता हासिल नहीं करने पर
प्रोबेशन पीरियड बढ़ाया जाएगा, नौकरी से नहीं हटाया जाएगा और कंप्यूटर
योग्यता हासिल करने के लिए समय दिया जाएगा।
कैबिनेट से चिकित्सा सेवा
नियमों में संशेधन किया है, जिसके मुताबिक अब उपतहसील स्तर पर बने
अस्पतालों को भी ग्रामीण की श्रेणी में माना जाएगा। इनमें काम कर रहे
डॉक्टरों की सेवाओं को ग्रामीण इलाकों में की गई सेवा माना जाएगा। गहलोत
राज के आखिरी छह माह में पीएचसी से क्रमोन्न्त 25 सीएचसी और 50 नई पीएचसी
को हरी झंडी दे दी है, पहले इन्हें समीक्षा के दायरे में रखा था।
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