शिमला।
वन एवं मत्स्य मंत्री हिमाचल प्रदेश ठाकुर
सिंह भरमौरी ने सचिवालय में वन विभाग के उच्च
अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में वन विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न
परियोजनाओं के बारे में चर्चा की गई। बैठक के दौरान वन मंत्री ने मध्य जलागम योजना
के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जलागम योजना द्वारा चलाए जा रहे कार्यों को शीघ्र
पूर्ण किया जाए, क्योंकि 31 मार्च, 2017 को यह परियोजना समाप्त हो रही है।
गौरतलब है
कि परियोजना की अवधि 31 मार्च 2016 का पूर्ण हो गई थी तथा प्रदेश सरकार के प्रयासों
से इसे एक वर्ष की अवधि और मिली जोकि 31 मार्च, 2017 को समाप्त हो रही है। श्री भरमौरी
ने यह भी कहा कि इस वर्ष के लगभग 65 फीसदी कार्य परियोजना द्वारा किए जा चुके है। उन्होंने
यह भी जानकारी दी कि परियोजना में कार्यरत सभी कर्मचारियों को विभाग में चल रही विभिन्न
परियोजनाओं में कार्य दिए जाएगें व किसी भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं हटाया जाएगा।
उन्होंने जानकारी दी कि वानिकी कार्यों के लिए
1400 करोड़ रू0 की नई परियोजना भी स्वीकृती हेतु भेजी गई है । वन मंत्री ने कहा कि मध्य
जलागम परियोजना की तरह इस परियोजना में पूरे प्रदेश में कार्य किए जाएंगें।इस अवसर
पर जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि जर्मन सरकार व जर्मन बैंक द्वारा परियोजित परियोजना
भी चम्बा व कांगडा जिला में शुरू किया गया है। इस बैठक में इस परियोजना पर भी समीक्षा
की गई तथा कहा कि जल्द ही जमीनी स्तर पर इस पर कार्य अमल में लाए जांएगें, जिसे स्थानीय
लोगों को रोजगार मिलेगा व लैटांना उन्नमोलन पश्चात पौध रोपण से प्रदेश और अधिक हरा
भरा होगा।
कार्बन कै्रडिट द्वारा 1.63 करोड़ रू0 प्रदेश को पहले ही मिल चुका है तथा
भविष्य में भी अगर हम हरित आवरण बढ़ाने में सफल होते हैं, तो प्रदेश सरकार के लोगों
तथा समुदायों को और अधिक निधि मिलेगी।इस अवसर पर केवल सिह पठानिया, उपाध्यक्ष राज्य वन निगम हिमाचल
प्रदेश एस. एस. नेगी, प्रधान मुख्य अरण्यपाल हिमाचल प्रदेश, अवतार सिहं, मुख्य परियोजना
अधिकारी, विनीत कुमार, अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल हि.प्र.आर. सी. कंग अतिरिक्त
प्रधान मुख्य अरण्यपाल हि.प्र., डा0 सुरेश शर्मा, मुख्य परियोजना अधिकारी, के.एफ.डब्ल्यु
व अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
आटो चालक को बैंक ने एक दिन में बनाया अरबपति