भीलवाड़ा। चोरी के एक मामले में पांच माह से भीलवाड़ा जिला कारागृह में बंद विचाराधीन बंदी ने मंगलवार दोपहर जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में ब्लेड से हाथ की नसें काट लीं। अचानक हुई इस घटना से चालानी गार्ड स्टाफ में खलबली मच गई। बंदी का कहना है कि उसने जमानत नहीं मिलने से यह कदम उठाया है। सूचना पर कोतवाली थाने का स्टाफ मौके पर पहुंचा और जख्मी हरिशंकर को जिला अस्पताल ले गया, जहां उसका प्राथमिक उपचार किया गया।
कोतवाली थाने के दीवान सत्यकाम ने कहा कि गुलाबपुरा थाने के बावरियाखेड़ा निवासी हरिशंकर बैरवा चोरी के एक मामले में पांच माह से जिला जेल में बंद है। मंगलवार को उसे तारीख पेशी के लिए जिला एवं सत्र न्यायालय ले जाया गया, जहां दोपहर में उसने ब्लेड से हाथ की नस काट ली। इससे वह लहूलुहान हो गया। वहीं हरिशंकर ने कहा कि शास्त्रीनगर स्थित एक मकान में 12 मई को हुई चोरी के मामले में जुलाई में गिरफ्तार किया था। उसने यहां तक कहा कि उसका चोरी से कोई लेन-देन भी नहीं था। इसके बाद भी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। वह उस जुर्म की सजा काट रहा है, जो कभी किया ही नहीं। हरिशंकर ने यह भी कहा कि जिस ब्लेड से उसने हाथ की नसें काटीं, वह उसे जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर स्थित लॉकअप में मिली थी।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि यह ब्लेड लॉकअप में कब व कैसे और कहां से आई। उधर, जानकारों का कहना है कि चालानी गार्ड द्वारा बंदियों को अंदर भेजने से पहले लॉकअप की जांच भी नहीं करते। ऐसे में कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है।
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