दरी-बोरे पर क्यों बैठते है प्राथमिक स्कूल के बच्चे : हाईकोर्ट

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 29 नवम्बर 2016, 4:03 PM (IST)


इलाहाबाद।शिक्षा सुविधा के लिए सरकार तमाम प्रयास करती है। जमकर प्रचार प्रसार भी होता है । लेकिन वर्षो से चली आ रही जमीन पर बैठने की व्यवस्था आज भी बदस्तूर जारी है । एक परंपरा के रूप में आज भी परिषदीय विद्यालय में टाट-पट्टी, बोरा य दरी पर बच्चों को बैठाया जाता है । मामले को गंभीरता से लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस बावत सरकार से जवाब मांगा है ।
हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से पूछा है कि प्राथमिक स्कूलों में पढऩे वाले बच्चे दरी या बोरे पर क्यों बैठते हैं। उनको बैठाने के लिए बेंच या कुर्सियों की व्यवस्था क्यों नहीं की जाती है। कोर्ट ने सरकार से प्राइमरी स्कूलों में शौचालय और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं की भी जानकारी मांगी है। कोर्ट ने प्रमुख सचिव प्राथमिक शिक्षा को निर्देश दिया है कि वह अधिकारियों की बैठक कर कार्ययोजना तय करें और कोर्ट को इस बाबत जानकारी दें।गौरतलब है कि हाईकोर्ट में इस मामले पर जनहित याचिका दायर की गई है । याचिका पर सुनवाई कर रहे मुख्य न्यायमूर्ति डीबी भोसले और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने आदेश देते हुए सरकार से जवाब मांगा है ।

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याचिका में कहा गया है कि सरकारी प्राथमिक स्कूलों में बच्चों के बैठने की उचित व्यवस्था नहीं है। बच्चे बोरे या दरी पर बैठ कर बैठते हैं। जाड़ा-गर्मी और बरसात हर मौसम में उनको जमीन पर ही बैठाया जाता है। स्कूलों में शौचालय व पेयजल जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की भी कमी है।इस बावत कोर्ट ने कहा यह गंभीर विषय है । कोर्ट ने आदेश दिया कि प्रमुख सचिव अगली सुनवाई पर न्यायालय को बताये कि क्या प्रबंध किए जा रहे हैं। याचिका की अगली सुनवाई की तारीख 14 दिसंबर को है ।
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