हाजी अली दरगाह में महिलाओं ने फूल चढाए

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 29 नवम्बर 2016, 1:00 PM (IST)

मुंबई।मुंबई की हाजी अली दरगाह के अंदरूनी हिस्से में जाने पर प्रतिबंध हटने के बाद आज यहां पहली बार महिलाओं ने प्रवेश किया। दो साल पहले भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन ने दरगाह के मुख्य हिस्से में महिलाओं के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को चुनौती दी थी।

24 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट दरगाह के अंदरूनी हिस्से में महिलाओं को जाने की अनुमति दी थी। भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन की सह-संस्थापक साफिज नियाज के मुताबिक, देशभर की करीब 80 महिलाएं वहां जाएंगी और चादर और फूल चढाएंगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि था अगर दरगाह के एक पॉइंट तक पुरूषों को जाने की इजाजत है और महिलाओं को नहीं तो ये दिक्कत की बात है।

मामले की सुनवाई के दौरान दरगाह की ओर से बताया गया था कि ट्रस्ट ने प्रस्ताव पास किया है कि बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा। ट्रस्ट महिलाओं को प्रवेश देगा। इसके लिए रूपरेखा भी तैयार की गई है। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा था कि अगर ट्रस्ट महिलाओं को प्रवेश देने को तैयार है तो फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की क्या जरूरत है।

जून 2012 तक महिलाओं को मुस्लिम संत सैयद पीर हाजी अली शाह बुखारी की मजार के गर्भगृह तक प्रवेश की अनुमति थी, लेकिन उसके बाद गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। वर्ष 2014 में बीएमएमए और कई अन्य ने हाजी अली दरगाह के इस कदम को अदालतों में चुनौती दी थी।
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न्यायमूर्ति वी. एम. कनाडे और न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-धेरे की खंडपीठ ने 26 अगस्त को फैसला सुनाते हुए महिलाओं को दरगाह के प्रतिबंधित मजार क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति दे दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने 24 अक्टूबर को महिलाओं और पुरुषों को समान अधिकार के आधार पर अपने फैसले में महिलाओं को दरगाह में प्रवेश की अनुमति दी थी।

नियाज ने कहा, ‘‘यह समानता, लैंगिक भेदभाव खत्म करने और हमारे संवैधानिक अधिकारों को समाप्त करने की लड़ाई थी। हम खुश हैं कि अब महिलाओं और पुरुषों को पवित्र गर्भगृह में प्रवेश का समान अधिकार मिलेगा।’’
(आईएएनएस)
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