नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर नोटबंदी को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है। केजरीवाल का कहना है कि सही मायने में अगर कालेधन की समस्या से निपटना है तो सभी राजनैतिक दलों को सूचना के अधिकार (आरटीआई) के दायरे में लाना होगा। केजरीवाल का कहना है कि राजनैतिक पार्टियों को मिलने वाला चंदा नगद में ना दिया जाए। केजरीवाल का कहना है कि अगर चंदे में 20,000 से कम की भी राशि दी जाती है तो वह भी कैशलेस हो।
साथ ही केजरीवाल ने कहा कि इसके लिए कानून बनना चाहिए। नोटबंदी की आलोचना करते हुए केजरीवाल ने कहा कि भ्रष्टाचार, नकली नोट, आतंकवाद और कालेधन पर रोक लगाने के लिए नोटबंदी का फैसला लिया गया,
लेकिन इस योलना में इनमें से किसी का भी हल नहीं निकला है। केजरीवाल ने कहा कि नोटबंदी के फैसले के कारण भ्रष्टाचार 10 फीसदी तक बढ गया है। अब 2,000 के नए नोटों में रिश्वत दी जा रही है।
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केजरीवाल ने कहा कि यहां तक की 2,000 के नए नोटों को ब्लैक में बेचा जा रहा
है। नकली नोटों पर केजरीवाल ने कहा कि नकली नोटों पर कोई नियंत्रण नहीं
लगा है। नकली नोट बनाने का काम जोरों-शोरों से चल रहा है। केजरीवाल ने कहा
कि आम लोग एटीएम तक नहीं पहुंच पा रहे हैं,
वहीं आतंकियों के पास नए नोटों
बरामद हो रहे हैं। केजरीवाल ने नोटबंदी को केंद्र की बहुत बडी असफलता
बताया। केजरीवाल ने कहा कि नोटबंदी के बाद बैंकों में जो 8 लाख करोड़ रुपया
जमा हुआ है, उसमें से कितना काला धन था।
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साथ ही उन्होनें कहा कि
केंद्र सरकार नोटबंदी पर मनमाने ढंग से नियमों में बदलाव कर रही है। आम लोग
परेशान हो रहे हैं। केजरीवाल ने कहा कि केन्द्र सरकार जिद्दी और अहंकारी
हैं। केजरीवाल ने कहा कि फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरें घटा दी गई है, इसका
असर मध्यम वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों पर पडेगा। सरकार को फिक्स्ड डिपॉजिट पर
घटी ब्याज दरों का फैसला वापस लेना चाहिए।
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