नोटबंदी के खिलाफ आक्रोश रैलियां, केरल-त्रिपुरा में बंद का आंशिक प्रभाव

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 28 नवम्बर 2016, 10:39 PM (IST)

नई दिल्ली। नोटबंदी के खिलाफ विपक्षी पार्टियों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का सोमवार को देश में आंशिक असर देखने को मिला। वाम शासित केरल और त्रिपुरा में बंद का सर्वाधिक असर रहा जबकि नोटबंदी की प्रबल विरोधी ममता बनर्जी के राज्य पश्चिम बंगाल में इसका असर कम ही रहा।

तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में भी बंद का मिला-जुला असर रहा जबकि तमिलनाडु में विरोध-प्रदर्शन करने वाले विपक्षी पार्टी के कुछ नेताओं को गिरफ्तार भी किया गया। बंद से सर्वाधिक प्रभावित त्रिपुरा में पुलिस ने सरकारी कार्यालयों और रेलवे स्टेशनों के सामने धरना दे रहे वाम दलों के 1,500 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। त्रिपुरा में बंद के कारण सरकारी और अर्ध सरकारी और साथ ही निजी कार्यालय, बैंक, शैक्षिक संस्थान, दुकान और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। परिवहन भी लगभग ठप रहा, हालांकि अगरतला में विमानों की आवाजाही पर कोई असर नहीं पडा। लेकिन, बंद के कारण त्रिपुरा और देश के शेष भागों के बीच रेल सेवाओं पर भी असर पडा, क्योंकि वाम दलों के कार्यकर्ताओं ने राज्य के विभिन्न स्थानों पर कई रेलगाडियां रोक दीं। त्रिपुरा वाम मोर्चा संयोजक और लोकसभा के पूर्व सदस्य खगेन दास ने कहा,बंद पूर्ण और सफल रहा।


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दोनों तेलुगू भाषी राज्यों तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे, लेकिन अन्य स्थानों पर इसका बहुत अधिक प्रभाव नहीं दिखा। दोनों राज्यों में सरकारी सडक परिवहन निगम (आरटीसी) की सेवाएं सामान्य रूप से संचालित रहीं। भाकपा,माकपा, कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आरटीसी डिपो पर धरना दिया। कर्मचारी संघों ने हालांकि खुद को इस बंद से अलग रखा। वाईएसआर कांग्रेस और कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने भारत बंद का आह्वान नहीं किया है, बल्कि नोटबंदी के कारण लोगों को पेश आ रही परेशानियों के खिलाफ प्रदर्शनों में हिस्सा ले रहे हैं। आंध्र प्रदेश के कडपा में आरटीसी बस डिपो पर धरना दे रहे कांग्रेस और माकपा के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया, जब वे बसों को चलने से रोकने का प्रयास कर रहे थे। हैदराबाद में कुछ स्कूलों में एहतियात के तौर पर अवकाश भी घोषित कर दिया गया। ओस्मानिया यूनिवर्सिटी, काकातिया यूनिवर्सिटी, जवाहरलाल नेहरू प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जेएनटीयू) ने अपनी परीक्षाएं स्थगित कर दीं।

बंगाल में बंद का असर...

पश्चिम बंगाल में बंद का बहुत असर देखने को नहीं मिला। ट्रेनों व विमानों का परिचालन सामान्य रहा। स्कूल व कॉलेज भी खुले रहे और व्यावसायिक प्रतिष्ठान व अन्य दफ्तरों में कामकाज सामान्य रहा। स्कूल और कॉलेज खुले रहे हालांकि विद्यार्थियों की उपस्थिति सामान्य से कम रही, जबकि प्रदेश भर में कार्यालयों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में कामकाज सामान्य रहा। कोलकाता में मेट्रो का संचालन बंद से अप्रभावित रहा। केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले से लोगों को हो रही समस्याओं के खिलाफ बुलाई गई राज्यव्यापी हडताल के बावजूद उत्तरी 24 परगना जिले में बैरकपुर औद्योगिक क्षेत्र की जूट मिलों और अन्य औद्योगिक इकाई में श्रमिकों की उपस्थिति सामान्य रही।

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उत्तर प्रदेश में भी बंद का असर कुछ खास नहीं दिखा। राज्य के अलीगढ, बाराबंकी, सुल्तानपुर, मुरादाबाद, गोंडा, फतेहपुर, चित्रकूट आदि शहरों में दुकानें पहले की ही तरह खुली रहीं। विपक्षी पार्टियों ने जरूर कई जगहों पर नोटबंदी के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया। मायावती ने कहा,पीएम ने पहले से भारत बंद कर रखा है... बसपा अध्यक्ष मायावती वहीं सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में रहीं और उन्होंने पत्रकारों से कहा कि बसपा भारत बंद में शामिल नहीं है, लेकिन पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ है। भारत बंद पर मायावती ने कहा कि पीएम मोदी ने तो पहले से ही भारत बंद कर रखा है।

कांग्रेस की जन आक्रोश रैली...

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नोटबंदी के खिलाफ लखनऊ में जन आक्रोश रैली निकाली। रैली में कार्यकर्ता अपने-अपने हाथों में तख्तियां लिए हुए थे, जिन पर मां-बहनों की सुन पुकार, हिंदुस्तान करे हाहाकार जैसे नारे लिखे हुए थे। कांग्रेस ने हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा से शहीद स्मारक तक विरोध मार्च निकाला। लेकिन इसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर शामिल नहीं हो पाए।

लखनऊ के व्यापारियों ने भारत बंद से खुद को अलग रखते हुए सोमवार को पहले की तुलना में दो घंटे देर से दुकानें बंद करने का फैसला किया। इलाहाबाद में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी नोटबंदी के फैसले का विरोध किया। उन्होंने पीएम मोदी का पुतला फूंका और कुछ कार्यकर्ताओं ने नोटबंदी के खिलाफ रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन किया। मध्य प्रदेश में सोमवार को जन आक्रोश पैदल मार्च निकाला गया और राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा गया। वामपंथी दलों ने राजधानी में रिजर्व बैंक के सामने प्रदर्शन किया।
आम आदमी को हो रही परेशानी का जिक्र...


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भोपाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव के नेतृत्व में मार्च निकाला गया। यह मार्च पीर गेट से प्रारंभ होकर इब्राहिमपुरा, सुल्तानिया रोड, बुधवारा होते हुए लिली टॉकीज (जहांगीराबाद) होते हुए राजभवन पहुंचा, जहां राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस के इस ज्ञापन में नोटबंदी का विरोध नहीं, बल्कि आम आदमी को हो रही परेशानी का जिक्र किया गया है। साथ ही यह कहा गया है कि सरकार ने बगैर तैयारी के नोटबंदी का ऎलान कर दिया। इसी तरह कांग्रेस की ओर से जिला मुख्यालयों पर मार्च निकाला गया और संबंधित जिलाधिकारियों को ज्ञापन सौंपे गए। ग्वालियर में निकाले जा रहे जन आक्रोश मार्च के दौरान ह्वदयाघात से जिला (शहर) अध्यक्ष दर्शन सिंह (56) का निधन हो गया।

वाम दलों ने राजधानी स्थित रिजर्व बैंक के सामने प्रदर्शन किया। इस मौके पर सांसद व माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य सुभाषिनी अली, नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर, भाकपा राज्य सचिवालय के सदस्य शैलेंद्र कुमार शैली व एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) के राज्य सचिव प्रदीप सामल ने उपस्थित जन समूह को संबोधित किया। माकपा राज्य सचिव बादल सरोज ने सभा का संचालन किया। वक्ताओं ने मोदी सरकार के फैसले को तानाशाहीपूर्ण कदम बताया। (आईएएनएस)
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