कानपुर।
नोट बंदी के फैसले से देश की जनता पूरी तरह से त्रस्त है। किसी को राशन नहीं मिल
रहा है तो किसी को समय से इलाज। नोट बंदी के चलते देश में जो भी मौतें हुई है उनके
जिम्मेदार मोदी हैं। यह कहना है दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का। उन्होंने
खास बातचीत में बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिना तैयारी के पांच सौ व
एक हजार के नोट बंद करने का तुगलकी फरमान सुना दिया। जिससे देश की 95 फीसदी जनता भूखी-प्यासी बैंकों
पर लाइन लगाने को मजबूर है। हम भी काले धन के खिलाफ है, लेकिन उसके लिए पूरी तैयारी
होना चाहिए।
काले धन वाले को संख्या की दृष्टि से एक या दो प्रतिशत होगी। ऐसे
लोगों की कारस्तानी की सजा देश की सवा सौ करोड़ जनता को देना कतई ठीक नहीं है। देश
की जनता अपने रूपए के लिए दिन-दिनभर बैंकों के बाहर खड़ी है और इससे कई लोगों की
मौतें भी हो चुकी है। किसी का चूल्हा नहीं जल पा रहा है, तो किसी को रूपयों के आभाव में
इलाज नहीं मिल रहा है। देश में अब तक 90 से अधिक लोग नोट बंदी के चलते अपनी
जान गंवा बैठे हैं। क्या प्रधानमंत्री बताएगें कि इनका क्या दोष था और मौत के
जिम्मेदार कौन है?
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दीक्षित ने कहा कि कालाधन का चुनावी वायदा जुमला बन गया और अब अपनी
नाकामियों को छिपाने के लिए नोट बंदी का फरमान सुना दिया। जब पूछा गया कि क्या
यूपी के चुनाव को लेकर ऐसा फैसला लिया गया तो कहा कि जानकारों का तो यही कहना है।
हम लोग जनआक्रोश यात्रा कर जनता को यह बताने का प्रयास कर रहें है कि नोट बंदी का
फैसला गलत है। जनता का सहयोग पार्टी को बराबर मिल रहा है और आगामी विधानसभा चुनाव
में जनता इस तुगलकी फरमान का जवाब देने को तैयार है। बताते चलें कि सोमवार को
कांग्रेस की यूपी मुख्यमंत्री की उम्मीदवार शीला दीक्षित कानपुर में आयोजित
कांग्र्रेस की जन आक्रोश यात्रा में शामिल होने आइंर् थी।
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कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा सभा में हुई तब्दील
नोट बंदी
के विरोध में घंटाघर स्थित भारत माता प्रतिमा पर सैकड़ों कांग्रेसी इकठ्ठा हुए।
यूपी सीएम उम्मीदवार व पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने यात्रा को हरी झंडी
दिखाकर रवाना किया। इसके बाद दीक्षित एक होटल चली गई, अपने नेता व व्यापारियों का
समर्थन न पाता देख धीरे-धीरे कार्यकर्ता खिसकने लगे। यह देख कांग्रेसियों ने कुछ
इलाकों में घूमकर मूलगंज पर सभा में तब्दील हो गई। नगर अध्यक्ष हर प्रकाश
अग्निहोत्री ने अपने संबोधन में कहा कि मोदी सरकार हिटलरशाही की सरकार है जिसने
लोकतंत्र की परिभाषा ही बदल दी है। पवन गुप्ता ने कहा कि जनता को अच्छे दिनों का
सपना दिखाने वाली मोदी सरकार ने जनता के तो अच्छे दिन नहीं आए, लेकिन मोदी सरकार के उद्योगपति
मित्रों के अच्छे दिन आ गए हैं।
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अभिजीत सिंह सांगा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी बचपन
में अपना घर छोड़कर भाग गए थे शादी हुई तो अपनी पत्नी को छोड़कर भाग गए और जब
प्रधानमंत्री बने तो विदेश यात्रा के बहाने से देश से निकल लेते हैं। मोदी सरकार
की अजीब हिटलरशाही है रैली व मन की बात में तो मोदी जी खूब बोलते हैं पर लोकसभा
में बोलने से मुंह चुरा रहे हैं। इस दौरान हर प्रकाश अग्निहोत्री, पवन गुप्ता, अभिजीत सिंह सांगा, कृपेश त्रिपाठी, अभिनव तिवारी, कनिष्क पांडेय, योगेंद्र दुबे, के.के. तिवारी, अतुल त्रिपाठी, चंद्राकर दीक्षित आदि मौजूद
रहें।
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