पापा मदद करें तो सुधरे बेटी की गणित,बेटे का भाषा ज्ञान

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 28 नवम्बर 2016, 5:47 PM (IST)

नई दिल्ली। पिता के स्त्रेह का बच्चों पर खास असर हो सकता है। यह जहां किशोर बेटी में गणित की कुशलता बढाता है, वहीं बेटे का भाषा कौशल सुधारने में अहम हो सकता है। यह दावा एक नए अध्ययन में किया गया है। यह अध्ययन पत्रिका सेक्स रोल्स में प्रकाशित किया गया है। इसमें कम आय वाले अल्पसंख्यक परिवार से संबंध रखने वाले छठी कक्षा के 183 बच्चों का विश्लेषण किया गया।

अध्ययन के अनुसार कम आय वाले परिवारों में पिता का सहयोग किशोरों में आशा, आत्म-बल बढाता है और अंतत: यह विद्यालयों में बच्चों के अच्छे प्रदर्शन में मददगार होता है। यह बात कम शिक्षित या अंग्रेजी में बहुत सक्षम नहीं होने वाले पुरूषों पर भी लागू होता है, जो अपने बच्चों को गृहकार्य में पूरी सहायता नहीं दे पाते। अमेरिका के टेक्सास विश्वविद्यालय की अध्ययनकर्ता मैरी-एन्नी सुइजो ने बताया,कम आय वाले परिवारों के पिता अपने किशोर बच्चों के विश्वास को गहरे ढंग से प्रभावित करते हैं और उनके भविष्य पर असर डालते हैं। ये विश्वास उनके संकल्प में वृद्धि कर उनकी उपलब्धि को प्रभावित करते हैं।
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अध्ययन के अनुसार यह सकारात्मक प्रभाव बेटे और बेटी दोनों पर अलग-अलग तरीके से पडता है। पिता के सहयोग से बेटी में उम्मीद व आशावादिता बढती है और उसका विश्वास मजबूत होता है, जिसका असर उसकी अकादमिक क्षमताओं पर भी पडता है और अंतत: यह गणित के बेहतर ग्रेड लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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पिता के सहयोग और किशोर लडकों की शैक्षणिक सफलता में भी सीधा संबंध पाया गया है। पिता के सहयोग से किशोर लडकों में विश्वास बढता है, जिसका असर उसके शैक्षणिक प्रदर्शन पर पडता है। इससे अंग्रेजी भाषा व कला में उसकी पकड मजबूत होती है और विषयों में कक्षा में उसका प्रदर्शन भी सुधरता है। सुईजो के मुताबिक काउंसलरों और शिक्षाविदों को चाहिए कि वे पिता को अपने बच्चों के साथ गर्मजोशी के साथ संवाद करने और उन्हें सहयोग देने के लिए प्रेरित करें क्योंकि यह भावनात्मक रूप से उनके हित में है और इसका सकारात्मक असर होता है। (आईएएनएस)
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