इलाहाबाद : संगम नगरी की पावन पुण्य प्रतापी 1432
बीघा जमीन, 5 सेक्टर, 1000 सीसीटीवी और
ड्रोन कैमरे, मिलिट्री, सीआरपीएफ,
आरएएफ,
पीएसी
और पुलिस की भारी भरकम फौज जनवरी माह मे इलाहाबाद में मौजूद होगी । जी हां लेकिन
यह कोई युद्ध तैयारी या युद्धाभ्यास नहीं है न ही कोई संयुक्त छावनी बन रही है ।
यह कुंभ क्षेत्र में प्रतिवर्ष लगने वाले माघमेला की तैयारी है । पौष पूर्णिमा यानी 12 जनवरी से माघ
मेला की औपचारिक शुरुआत होगी । और मान्यता व रिकॉर्ड के अनुसार मकर संक्रान्ति
यानी 14 जनवरी से मेले में रौनक चरम की ओर बढ़ेगी ।
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पौराणिक इतिहास और आस्था का समागम स्थल प्रयाग
गृहस्थ व साधू सन्यासियों के तप को तैयार हो रहा है । संगम की रेती पर प्रतिवर्ष लगने वाला माघमेला
यानी तंबुओ का शहर बसने वाला है । माघ मेले को सकुशल व निर्विघ्न रूप से सम्पन्न
कराने के लिए वैदिक मंत्रोच्चार और विधि विधान से गंगा पूजन संपन्न हो चुका है।
सुरक्षा के इतने कड़े इंतजाम किये जा रहे हैं कि बिना इजाजत परिंदा भी पर न मार सके
।
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पूरा मामला
मेले के लिए इस बार प्रशासन ने संगम स्नान घाट
के साथ ही अरैल स्नान घाट(दो स्थान पर), रामघाट (दोनों तरफ), दण्डीबाड़ा
घाट (दोनों ओर), आचार्यबाड़ा घाट, दशाश्वमेघ घाट,
काली
सड़क से महावीर जी मार्ग तक, महावीर जी मार्ग से अक्षयवट के दक्षिण
मार्ग तक, खाक चौक, गंगोली शिवाला घाट, जी0टी0रोड
तथा मोरी रोड स्थानों पर नदी के तटों पर स्नान घाटों का निर्माण कार्य शुरू कर
दिया है । जो दिसंबर के अंत तक पूरा हो सकता है।
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सुरक्षा के लिहाज से माघमेला को छावनी में
तब्दील कर दिया जायेगा । माघ मेले में सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे से हर कोने निगरानी
की जायेगी। कोई भी संदिग्ध व्यक्ति यह वस्तु निगेहबानी से दूर नहीं होगी । मिनटों
में हर जगह सुरक्षा कर्मी पहुंचेगे । मेला क्षेत्र में आस्थायी डिजिटल मानिटरिंग
रूम होगा । जहां से पूरे मेला क्षेत्र पर तीसरी आंख की नजर होगी । डीएम संजय कुमार ने बताया कि, मिलिट्री
की टुकड़ी, सीआरपीएफ-आरएएफ व पीएसी की
कंपनी और पुलिस के साथ होमगार्ड, पीआरडी के जवान मिलकर मेले की सुरक्षा व्यवस्था संभालेंगे। बम
डिस्पोजल स्क्वायड, डॉग स्क्वायड, कमांडो भी मेले की सुरक्षा को
चाक-चौबंद करेंगे । सेना का कमाण्डो दस्ता इस बार अलग से सुरक्षा घेरा बनायेगा।
मेले में आने वाली पुरानी संस्थाओं को पहले की तरह ही भूमि और सुविधाएं दी जाएंगी।
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12 जनवरी पौष पूर्णिमा पर पहला स्नान पर्व होगा,
जिसमें
45-50 लाख श्रद्धालु पहुंचेंगे । वहीं
यह संख्या मकर संक्रान्ति 14
जनवरी को 70 लाख के पार पहुंच जाती है । सबसे अधिक
स्नानार्थियों की भीड़ मौनी अमावस्या 27 जनवरी को होगी इस दिन भीड़ का आंकड़ा एक
करोड़ के आसपास होगा। जबकि बसन्त पंचमी 1 फरवरी को फिर से 65-70 व
माघी पूर्णिमा 10 फरवरी 45-50 तक अनुमानित है
। माघमेला के समापन स्नान के रूप में महाशिव रात्रि होगी । इस दिन 8 से
10 लाख लोग संगम में आस्था की डुबकी लगायेंगे ।
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फिलहाल माघमेला भूमि के समतली करण का कार्य चल रहा है। पीपा पुल भी पहुंचने लगे
हैं । जल्द ही चकर्ड प्लेटों से सड़क निर्माण भी प्रारंभ होगा । हालांकि नोटबंदी का
असर अभी से मेले पर देखने को मिल रहा है ।
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