हांगकांग। भारत की शीर्ष महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पी. वी. सिंधु ने रविवार को हांगकांग ओपन सुपरसीरीज के फाइनल में मिली हार के बावजूद अपने प्रदर्शन पर खुशी व्यक्त की और कहा कि यह दिन उनका नहीं था। सिंधु को फाइनल में चीनी ताइपे की ताई जू यिंग के हाथों 15-21, 17-21 से हार मिली। मैच के बाद सिंधु ने कहा कि कुल मिलाकर यह एक अच्छा मैच था। आज का दिन यिंग का था।
मैंने अच्छा खेला, लेकिन नेट पर यिंग का खेल कहीं बेहतर था। उन्होंने एक भी गलती नहीं की। हमारे बीच अच्छी और लंबी रैलियां हुईं। मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं। इसी साल रियो ओलम्पिक में रजत पदक विजेता सिंधु ने कहा कि यहां से वापस जाकर मैं और कठिन मेहनत करूंगी। थोड़ा निराश हूं, लेकिन कुल मिलाकर सब अच्छा रहा। मैं यिंग को जीत की बधाई देती हूं।
आपके फेवरेट क्रिकेटर और उनकी लग्जरी कारें....
बीते सप्ताह चीन ओपन जीतने वाली सिंधु ने कहा कि मैं उनके खिलाफ इससे पहले
कई बार खेल चुकी हूं। वह बहुत ही चतुर खिलाड़ी हैं और उनके पास अच्छे
स्ट्रोक हैं। मैं हर जीत के लिए तैयार थी। लेकिन अंतत: किसी एक की जीत और
किसी एक की हार होती ही है। हाल ही सिंधु ने विश्व बैडमिंटन रैंकिंग में
टॉप-10 में जगह बनाई थी।
समीर बोले, पहला फाइनल था इसलिए...
आपके फेवरेट क्रिकेटर और उनकी लग्जरी कारें....
हांगकांग।
भारत के युवा प्रतिभाशाली बैडमिंटन खिलाड़ी समीर वर्मा यहां हांगकांग ओपन
के पुरुष एकल वर्ग के फाइनल में हार गए, हालांकि उन्होंने कहा है कि यहां
पहली बार फाइनल में खेलकर उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। फाइनल मैच के बाद समीर
ने कहा कि अब उनका अगला लक्ष्य विश्व रैंकिंग में शीर्ष-10 में शामिल होना
है। 43वीं विश्व वरीयता प्राप्त समीर को फाइनल में हांगकांग के नगान का
लोंग आंगुस ने 21-14, 10-21, 21-11 से हराया। समीर ने आंगुस को जीत के लिए
50 मिनट तक कठिन संघर्ष करने के लिए मजबूर किया।
इस फैसले से पूरी तरह से असहमत है यह क्रिकेटर
मैच के बाद समीर ने कहा
कि मैं फाइनल में पहुंचकर बहुत खुश हूं। मैंने इसकी उम्मीद तक नहीं की थी।
मैच के दौरान दूसरे गेम में मैं बाजी पलटने के लिए तैयार था। तीसरे गेम
में 11 अंकों का खेल होने के बाद मैं थोड़ा थक गया था। फाइनल से पहले मैं
थोड़ा घबराया हुआ भी था। समीर ने कहा कि आज मैं थोड़ा दबाव महसूस कर रहा
था। लेकिन अब शीर्ष-10 में पहुंचने को लेकर मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है। मैं
तनाव में था, क्योंकि यह मेरा पहला फाइनल था।
इस फैसले से पूरी तरह से असहमत है यह क्रिकेटर
मैंने एक दिन पहले अपने
भाई सौरभ वर्मा से भी बात की थी। उन्होंने कहा कि इसी साल अप्रैल में मैंने
राष्ट्रीय चैम्पियनशिप जीती। उसके बाद से ही मैं शीर्ष स्तर पर
आत्मविश्वास के साथ खेल रहा हूं। राष्ट्रीय खिताब जीतने के बाद मेरे कंधे
में चोट लगी और मुझे 2-3 महीने कोर्ट से बाहर बैठना पड़ा। वापसी के बाद
मैंने थाईलैंड और चीनी ताइपे में खेला।
(IANS)
इस मामले में छठे स्थान पर आए भारतीय विकेटकीपर पार्थिव पटेल