प्रेरणास्पद: मरीज की जान बचाने आए दो अज्ञात युवा

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 28 नवम्बर 2016, 09:25 AM (IST)

बाड़मेर। दुनिया भर में आज का युग प्रचार-प्रसार का है। हर कोई चाहता है की उसके हर कदम को लोग जानें और उसका प्रचार हो लेकिन, रविवार को एक निजी अस्पताल में ऐसा हुआ जिसने धारणाओं को ही बदल गया। मामला बाड़मेर के शिवम अस्पताल का है। यहां पर बूठ जैतमाल की रुखमा देवी पत्नी तुलछा राम को गम्भीर अवस्था में भर्ती किया गया। हालात खराब होने के साथ शहर के किसी भी अस्पतालों में बी-नेगेटिव ब्लड ग्रुप नहीं मिल पाया। ऐसे में दो युवा आगे आए। उन्होंने पहले तो निजी अस्पताल के प्रशासन से उनकी पहचान छिपाने और जाहिर नहीं करने की शर्त रखी और फिर दो यूनिट ब्लड मरीज को डोनेट किया। मामले में सबसे बड़ा पहलू यह है कि इन दो युवाओं के रक्तदान के बाद ही रुखमा देवी का ऑपरेशन हो पाया और अब मरीज की हालत खतरे से बाहर है। शिवम अस्पताल के प्रबंधक डॉ. राहुल बम्बानिया ने बताया कि चौहटन से रैफर होकर मरीज इस हालत में आया था कि उसे बचाना बेहद मुश्किल था। ऐसे में खून की कमी भी बड़ी समस्या थी। शहर के किसी अस्पताल में बी-नेगेटिव ब्लड ग्रुप नहीं मिला। सोशल ग्रुप के जरिए अस्पताल प्रशासन की तरफ से विनती की गई और उसका असर दो युवाओ के रूप में हुआ। मरीज को जोधपुर रैफर कर ही रहे थे कि यह युवा आ गए। नतीजा मरीज का ऑपरेशन हो पाया और उसकी हालत सही है। डॉ. राहुल बताते है कि उनके डॉक्टरी पेशे में पहली मर्तबा ऐसे युवा आए जिन्होंने बिना किसी प्रचार या बिना किसी खबर में हिस्सा बनने के लिए ऐसा किया। सबसे बड़ी बात मरीज के परिजनों को भी उन्होंने अपने नाम नही बताए। यकीनन शिवम अस्पताल की यह घटना उन लोगों को सलाम करती है जो नि:स्वार्थ मदद के लिए कदम बढ़ाते है।

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