रियासतकालीन नहर बनी गंदे पानी का नाला, निगम लेगा सुध

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 28 नवम्बर 2016, 08:47 AM (IST)

जोधपुर। सूर्यनगरी की बसावट के समय ही बरसात के पानी के संरक्षण के लिए पूर्व रियासत ने खास ध्यान रखा था। पहाड़ी क्षेत्र से आने वाले बरसाती पानी को रोकने और एकत्रित करने के लिए जलाशय बनाए गए थे जो बरसाती पानी को पेयजल के रूप में उपयोग में आते थे। लेकिन, शहरीकरण के साथ ही इन जलाशयों तक बनी नहरों पर अतिक्रमण और सीवरेज के पानी ने इसकी सूरत ही बदल दी लेकिन, अब नगर निगम ने पहल करते हुए फतेहसागर तक पानी लाने वाली नहर का जायजा लिया तो एक बारगी निगम के आयुक्त अरुण हसीजा को आश्चर्य हुआ। इस नहर में अब साफ़ और शुद्ध पानी की जगह गटर का पानी बहता है जो फतेहसागर में आकर रुकता है, ऐसे में इस तालाब की दशा ही दयनीय हो गई। नगर निगम के आयुक्त के निर्देश के बाद सफाई दस्ते ने नहर का जायजा लिया। दरअसल इन दिनों नगर निगम शहर में ऐतिहासिक इमारतों,नहरों और इसके साथ पारम्परिक जल स्त्रोतों के साथ पुराने शहर का अस्तिव तलाश रहा है। ये बात अलग है कि निगम की उदासीनता के चलते ही शहर का ये हाल हुआ लेकिन, अब यही कहा जा रहा है कि जब जागो, तभी सवेरा।

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