मानसा । व्यापार मंडल मानसा द्वारा नोटबंदी को लेकर मानसा शहर पूर्ण बंद रखने का ऐलान किया है। इस
बारे में व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष मुनीश बब्बी दानेवालिया ने केंद्र
सरकार के नोटबन्दी के फैसले को लोक विरोधी बताते हुए कहा कि इसके जारी होने
से पूरे देश में आर्थिक मंदी का दौर शुरू हो गया है। बब्बी ने कहा कि आम
लोगों को आटा दाल सब्जियां और घरेलू वस्तुएं खरीदने के लिए बहुत ज्यादा
मुश्किलें आ रही है। हर प्रकार के सभी व्यापारियों का व्यापार तबाही की
कगार पर है। देश में खरीदो फरोख्त कम हो रही है।
व्यापारियों के पास माल
खरीदने के लिए रकम नहीं है। खाद बीज खरीदने के लिए किसान भटक रहा है। मगर
नोटबंदी कारण उन्हें मजदूरी नहीं मिल रही है। धान के सीजन में जो गरीब
मजदूर यहां आकर मजदूरी करने आए मजदूर जोकि मेहनत मजदूरी कर थोड़ा बहुत
रुपया पैसा कमाते है, वह भी लाचार हो गए है।
उन्होंने कहा कि केंद्र
सरकार ने जो नोटबन्दी को लेकर फैसले किये, उन को भी केंद्र सरकार लागू नहीं
कर सकी, कि जिस व्यापारी का किसी भी बैंक में चालू खाता है उसको इस फैसले मुताबिक रोज के लिए 50 हजार रुपए तथा बचत खाते वाले को 24 हजार रुपए
मिलने चाहिए, जो कि नहीं मिल रहे। इस बारे में व्यापार मंडल मानसा अधिकारी
और सदस्यों द्वारा एडीसी मानसा को मिल कर अपनी, मुश्किलें से जानकार करवाया
था। उन्होंने कहा कि व्यापार मंडल मानसा ने फैसला लिया है कि 30 नवंबर को
सारा शहर पूर्ण रुप में बंद रखा जायेगा। इस मौके रमेश टोनी, मनजीत सिंह,
सुरेश नन्दगढिय़ा, डा. जनक राज, प्यारा लाल, प्रशोतम बांसल, राजीव राम ,
चन्दरकांत कुकु, दीना नाथ चुघ, तरसेम मिढ़ा, भीम सैन, बलविन्दर बांसल,
अशोक लिबर्टी, प्रदीप कुमार, अरुण बिट्टू, यशपाल, तरसेम चंद, आत्मा राम
बीटा, धर्मपाल, सुरिन्दर मीरपूरिया, दीपक कुमार आदि उपस्थित थे।
नोटबंदी से जिले के विभिन्न गांव निवासी हुए खुश
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सरदूलगढ़ में मोदी की नोटबंदी से जिले के विभिन्न गांव निवासी खुश भी दिखाई दे रहे
है।
सरदूलगढ़ हलका से जुड़े ग्रामीण क्षेत्र के कई लोग इस नोटबंदी से
खुश दिखाई दे रहे है। सरदूलगढ़ हलका के कई गांवों की पंचायतों और सांझी
स्थानों पर बैठे बुजुर्ग मोदी के हक में बोले। इस अवसर पर गांव जटाणा कला
के निवासी विचित्र सिंह और एक अन्य ने कहा कि जिस दिन से मोदी सरकार ने
बड़े नोट बंद किये है, उस दिन से एक साल की बचत जितनी रकम जो कि उनकी
महिलाओं ने अपने तौर पर घरों में संभाल कर रखी थी, अब बाहर निकाल दी है।
उन्होंने बताया जो कोई औरतें जरूरत पडऩे पर भी यह कह रख लेते थे कि उनके
पास एक पैसा भी नहीं है। उन्होंने बताया कि कई महिलाओं ने उन्हें अपने
गुप्त तौर पर तिजौरियों में से पाच से दस हजार रुपए के पांच सौ एवं एक हजार
के नोट निकाल कर उन्हें पकडा दिए है।
झुनीर गांव के बरगद नीचे ताश की
बाजी लगा रहे तेजा सिंह, ,भगवान सिंह मोठा और सुखविन्दर सिंह ने
कहा पैसा खत्म तो काम भी बंद। अब मौज है न किसी उधार देने वाले का इन्तजार
और न उधार मांगने वाले का डर। बस इह कह के ही पल्ला छूट जाता है कि मल्ला
लेने ने तो बड़े नोट लै जा, नहीं तो फिर भाई दो महीने इन्तजार कर। इस मौके
एकत्र लोगों ने कहा कि जिस दिन की नोट बंदी हुई है, उनके विभिन्न खर्च कम
हो गए है। फालतू के मेल मिलाप वाले रिश्तेदारों की आमद भी काफी कम हो गई
है। हर घर का रोज का खर्च कम हो गया है। जौड़किया गांव केे गुरदीप सिंह ने
बताया नोट बंदी कारण छोटे नोटों की पैदा हुई कमी ने नौजवान वर्ग को सुधरने
को मौका दिया है। उन्होंने बताया कि पहले जो बिना कारण ही मोटर साईकलों पर
घूमते रहते थे, अब वह कम हो गया है। जटाना खुर्द के पूर्व सरपंच अमरीक सिंह
ने बताया नोट बंदी कारण चाहे कुछ परेशानिया तो हो रही है परन्तु विवाह
शादियों का शोर भी कम हुआ है।
30 के भारत बंद का समर्थन
तेजा
सिंह स्वतंत्र भवन सीपीआई दफ्तर में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं
सीपीआई के जिला सचिव कृष्ण चौहान, बसपा के जिला प्रधान भुपेन्द्र सिंह,
भारतीय इंकलाबी मार्कसवादी
मार्कसवादी पार्टी के छच्जू राम ऋषि, आप
आदमी पार्टी के तेजिन्दर सिंह, सीपीआई एम के राज कुमार आदि नेताओं के
नेतृत्व में भारत बंद के आह्वान को सफल करने के लिए एक विशेष मीटिंग की गई।
जिस में मोदी सरकार द्वारा काले धन को निकलवाने के नाम पर किए गए नोटबंदी
के इस फैसले की निंदा करते कहा कि इस फैसले के साथ केवल जागीरदारी धन और
काले धन का केवल अमीर लोगों को ही लाभ हुआ है, जबकि देश में बड़े स्तर पर
आम लोगों का रोजमर्रा का कारोबार बुरी तरह ठप्प हो चुका है । कोई भी
जागीरदार इस बुरे दौर में लाईन में लग कर अपने पैसे नहीं ले रहा।
मीटिंग को सीपीआई के जिला सहायक सचिव निहाल
सिंह मुलाजिम नेता डा. आत्मा सिंह आत्मा, शहरी सचिव रत्न कुमार भोला, यूथ
नेता निर्मल मानसा, ट्रेड यूनियन के नेता काका सिंह, मेजर सिंह दूलोवाल,
अमरीक सिंह, कर्मजीत कौर चहल, आत्मा सिंह परमार बसपा ने संबोधन किया।
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