नई दिल्ली। जोधपुर के चर्चित चिंकारा शिकार मामले में बॉलीवुड स्टार सलमान
खान को हाईकोर्ट द्वारा बरी किए जाने को राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट
में चुनौती देते हुए पेश याचिका में कहा है कि हाईकोर्ट के फैसले पर तत्काल
प्रभाव से रोक लगाकर सुप्रीम कोर्ट निचली अदालत के फैसले को लागू करे और
सलमान खान को सेरेंडर करने के आदेश दे ताकि वह बाकी सजा काट सके।
याचिका में कहा गया है कि सलमान खान के पास केस के चश्मदीद गवाह जिप्सी
ड्राइवर हरीश दुलानी से जिरह करने के पूरे मौके थे लेकिन उन्होंने जानबूझकर
ऎसा नहीं किया अत: अब सुप्रीम कोर्ट में सलमान खान के खिलाफ दुलानी के
बयान को मंजूर किया जाए। ये भी कहा गया कि राजस्थान हाईकोर्ट ने दोनों
निचली अदालतों की सहमति से सलमान खान को पांच साल की सजा के फैसले को रद्द
करने में गलती की है, ट्रायल के दौरान मामूली विसंगतियों से पूरे मामले को
हल्का नहीं किया जा सकता, हाईकोर्ट इस केस के पूरे हालात को देखने में
नाकाम रहा है, जो बिना शक अभियोजन पक्ष द्वारा साबित करते हैं कि सलमान इस
मामले में दोषी हैं। याचिका कहती है कि सलमान खान को निचली अदालत ने सबूतों
के आधार पर दोषी ठहराया था लेकिन हाईकोर्ट ने अति तकनीकी आधार पर फैसला
दिया, जो कानून में कहीं नहीं ठहरता।
गौरतलब है कि 1998 में काला चिंकारा शिकार मामले का अहम गवाह हरीश दुलानी
के सामने आने के बाद राजस्थान सरकार ने ऎलान किया था कि वह इस मामले में
जोधपुर हाईकोर्ट के सलमान को बरी करने के आदेश को चुनौती देगी। साथ ही
राज्य सरकार ने यह फैसला भी किया था कि हरीश दुलानी को 24 घंटे सुरक्षा
मुहैया कराई जाएगी।
बता दें,कुछ महीने पहले सलमान खान के इस केस के अहम गवाह दुलानी सामने आए
थे. उन्होंने बताया था कि यदि परिवार की सुरक्षा की गारंटी दी जाए तो वह
अपना बयान दे सकता है। उसने मीडिया को बताया था कि सलमान खान के चिंकारा का
शिकार करने वाले दिन वही गाडी चला रहा था। दुलानी ने बताया था कि सलमान ने
काला चिंकारा देख बंदूक निकाली,पहला फायर किया लेकिन वह (चिंकारा) बच गया,
उसके बाद उन्होंने दूसरा फायर किया और चिंकारा गोली लगने से घायल हो गया,
वह गाडी से उतरकर गए और चाकू से उसका गला रेत दिया।
इस मामले में दुलानी ने
कहा था कि मैं अभी भी अपने पूर्ववर्ती बयान पर कायम हूं कि उस चिंकारे को
सलमान खान ने ही मारा था।
इससे पहले गवाह के अभाव में राजस्थान हाई कोर्ट ने निचली अदालत के उस फैसले
को खारिज कर दिया था जिसमें सलमान को पांच साल की सजा सुनाई गई थी. हाई
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि यह बात साबित नहीं होती कि चिंकारे को
सलमान ने अपनी लाइसेंसी गन से ही मारा था।
याद रहे,2006 में सलमान खान को
निचली अदालत ने पांच साल की सजा सुनाई थी। उन्होंने एक सप्ताह जोधपुर की
जेल में भी बिताए थे और उसके बाद उनको जमानत मिल गई थी।