इनके पसंदीदा मैदान पर एक और जीत चाहेगा भारत

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 19 अक्टूबर 2016, 5:42 PM (IST)

नई दिल्ली। पहले मैच में एकतरफा मुकाबले में न्यूजीलैंड को मात देने के बाद भारतीय टीम का मनोबल ऊंचा है और फिरोजशाह कोटला मैदान पर गुरुवार को होने वाले दूसरे एकदिवसीय मैच में भारत अपने विजयी क्रम को जारी रखना चाहेगा। साथ ही भारत की कोशिश एक और जीत दर्ज कर पांच मैचों की श्रृंखला में 2-0 से बढ़त हासिल करते हुए विपक्षी टीम पर दबाव बनाने की होगी। मुकाबला दोपहर 1.30 बजे शुरू होगा। कोटला भारत के लिए हमेशा से अनुकूल परिणाम देने वाला मैदान साबित हुआ है।

टीम के मुख्य कोच अनिल कुंबले ने इसी मैदान पर इतिहास रचते हुए टेस्ट मैच की एक पारी में सारे 10 विकेट लेने का कारनामा किया था। यह उनके पसंदीदा मैदानों में से एक है। टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने यहां अपने अधिकतर मुकाबलों में जीत हासिल की है। वहीं टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली का यह घरेलू मैदान है। ऐसे में टीम की कोशिश यहां एक और जीत हासिल करने की होगी।

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भारत ने पहले मैच में किवी टीम को जिस तरह से मात दी उसको देखते हुए मेजबानों का पलड़ा भारी लग रहा है। टीम के बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों के सामने टिक नहीं सके थे। हालांकि भारतीय टीम अपने विपक्षी को हल्के में लेने की भूल नहीं कर सकती। विश्व कप उप-विजेता किवी टीम में वापसी की काबिलियत है और धोनी एवं कुंबले दोनों इस बात से भली भांति परिचित हैं।

इस मैच में टीम में किसी तरह के बदलाव की संभावना नहीं दिखाई देती। सलामी बल्लेबाजी का जिम्मा शिखर धवन और लोकेश राहुल की गैरमौजूदगी में अंजिक्य रहाणे और रोहित शर्मा पर होगा। टीम के कोच कुंबले भी इसी सलामी जोड़ी के साथ जाना चाहते हैं। मैच से पहले बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने यह बात साफ भी कर दी कि वे सलामी जोड़ी में बदलाव नहीं करेंगे।

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टीम को इस मैच में सबसे ज्यादा उम्मीद स्थानीय खिलाड़ी कोहली से होगी। उन्होंने धर्मशाला में बेहतरीन पारी खेली थी और इस बार वह अपने घर में उतर रहे हैं। टीम के अलावा दिल्ली के दर्शक अपने स्टार खिलाड़ी के बल्ले से रनों की बारिश के अलावा कुछ नहीं चाहते। कोटला की पिच आमतौर पर स्पिन गेंदबाजों की मददगार मानी जाती है। लेकिन दिल्ली क्रिकेट एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के उपाध्यक्ष चेतन चौहान ने मंगलवार को कहा था कि इस बार पिच पर थोड़ी बहुत घास दिख सकती है। उन्होंने साथ ही पिच पर अतिरिक्त उछाल की बात भी कही है।

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गेंदबाजी में भी धोनी बदलाव के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं। हालांकि कोच ने अंतिम एकादश को लेकर कहा कि वे इसका फैसला मैच के दिन ही करेंगे। बुखार से पीडि़त चल रहे सुरेश रैना पहले मैच में अनुपस्थित रहने के बाद टीम से तो जुड़ गए हैं लेकिन वे दूसरे मैच में नहीं खेल सकेंगे। वहीं दूसरी तरफ मेहमानों की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। टेस्ट मैच में बुरी तरह से पिटने के बाद पहले एकदिवसीय मैच में भी उसके खिलाड़ी मेजबानों के सामने हर मोर्चे पर असफल साबित हुए।

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पहले मैच में सलामी बल्लेबाज टॉम लाथम और अंत में तेज गेंदबाज टिम साउदी ने जिस तरह की बल्लेबाजी की, टीम प्रबंधन चाहेगा की बाकी बल्लेबाज भी इन दोनों से कुछ सीखें और अगले मैच में रन बटोरें। न्यूजीलैंड के लिए सबसे बड़ी चिंता मार्टिन गुप्टिल और रॉस टेलर के बल्ले का खामोश होना है। दोनों टेस्ट श्रृंखला से ही बल्ले से योगदान देने में असफल रहे हैं। ऐसे में टीम के कप्तान केन विलियमसन पर टीम की बल्लेबाजी का भार होगा। बाकी बल्लेबाज अपने प्रदर्शन में निरंतरता नहीं रख पाए हैं। साउदी पर टीम की गेंदबाजी का जिम्मा होगा। अगर पिच अपने पुराने इतिहास के अनुकूल ही रहती है तो ऐसे में स्पिन गेंदबाज मिशेल सैंटनर की भूमिका अहम होगी।

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