नई दिल्ली। अमेरिका ने आतंकियों के खिलाफ एलओसी पार भारत के सर्जिकल
स्ट्राइक को एकदम सही कदम बताया है। साथ ही यह भी कहा कि आतंकवाद के मसले
पर उसने पिछले पांच सालों में पाकिस्तान को दी जाने वाली मदद में 73 फीसदी
की कटौती कर दी है। भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड राहुल वर्मा ने उरी
हमले के बाद एक अंग्रेजी अखबार को दिए पहले इंटरव्यू में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर अमेरिका भारत के साथ खड़ा है।
उन्होंने कहा कि आत्मरक्षा में भारत का सीमा पार किया गया ऑपरेशन जरूरी था,
वे इस बात को समझते हैं। वर्मा ने कहा कि आतंकवाद के मसले पर भारत के साथ
खड़ा रहना महत्वपूर्ण है।
जब उनसे पूछा गया कि अमेरिका बार-बार सख्त
लहजे में पाकिस्तान को आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कह रहा है, लेकिन
उसका असर क्यों नहीं दिख रहा है।
इस पर वर्मा ने कहा कि आतंकियों के खिलाफ
पाक सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट न होने पर 2011 से ही पाकिस्तान को दी
जाने वाली अमेरिकी सैन्य मदद में 73 फीसदी की कमी कर दी गई। उन्होंने बताया
कि आतंकवाद पर पाकिस्तान के रवैये को देखते हुए ही पेंटागन ने एफ-16
लड़ाकू विमानों के सौदे को रोक दिया।
एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू
में वर्मा ने कहा कि उरी में हुए आतंकी हमले के बाद अमेरिका और भारत के
बीच संवाद जारी था। वर्मा उरी आतंकी हमले के वक्त अमेरिका में थे लेकिन वह
अपना दौरा बीच में छोड़ कर वापस भारत लौटे। उन्होंने बताया कि उरी हमले के
बाद दोनों देशों के एनएसए लगातार एक-दूसरे के संपर्क में हैं। वर्मा ने
बताया कि सीमा पार से आतंकवाद को रोकने के लिए अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने
भारत को हर तरह की मदद का ऑफर दिया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को रोकने
के लिए भारत-अमेरिका का संपर्क में रहना जरूरी है।
भारत ने जो किया सही किया
रिचर्ड
वर्मा से जब पूछा गया कि क्या सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में अमेरिका को
पहले से जानकारी थी? तो उन्होंने जवाब दिया कि जिस दिन सर्जिकल स्ट्राइक
किया गया उससे एक दिन पहले भारत के एनएसए अजित डोभाल ने अमेरिका के एनएसए
सूसैन राइस से फोन पर बात की थी। हालांकि उनके बीच क्या बात हुई, वर्मा ने
इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी। इसके बाद वर्मा ने कहा कि हम समझते हैं
कि भारत ने वह एक्शन लिया जो उसे अपनी सुरक्षा के लिए ठीक लगा।
वर्मा से
जब पूछा गया कि अमेरिका लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को
निशाना क्यों नहीं बनाता, तो उन्होंने कहा कि लोगों को अभी तक यह जानकारी
नहीं कि साल 2011 से लेकर अब तक अमेरिका की ओर से पाकिस्तान को मिलने वाली
सैन्य सहायता में 73 प्रतिशत कटौती हुई है, वहीं आर्थिक सहायता को 54
प्रतिशत कम किया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान आतंकवाद पर सख्त
कार्रवाई नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद की समस्या सिर्फ भारत के
लिए नहीं बल्कि पाकिस्तान के लिए भी खतरनाक है। एनएसजी में मुद्दे पर
वर्मा ने कहा कि वह आशावान हैं, लेकिन यह बता नहीं सकते कि कब तक भारत को
इसकी सदस्यता मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारत की सदस्यता के लिए अमेरिका सभी
सदस्य देशों से बात कर रहा है।