GST 4 दरों में,6से 26%हो सकता है टैक्स

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 19 अक्टूबर 2016, 09:38 AM (IST)

नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर यानि जीएसटी परिषद ने वस्तुओं और सेवाओं की संभावित दरें पेश कर दी है। सूत्रों के मुताबिक जीएसटी के तहत 6, 12, 18 और 26 प्रतिशत तक 4 दरों में टैक्स बांटा जा सकता है। इसमें सबसे निचली दरें आवश्यक रोजमर्रा की चीजों के लिए और सबसे उंची दर लग्जरी सामानों के लिए होगी। इसके अलावा अतिरिक्त टैक्स लगाने के प्रस्ताव भी दिए गए हैं। मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिए केंद्र ने प्रस्ताव किया है कि खाद्य वस्तुओं पर कर की छूट को जारी रखा जाए और आम इस्तेमाल की 50 प्रतिशत वस्तुओं पर या तो कर न लगाया जाए या कर की निचली दर लगाई जाए। इसके साथ ही 70 प्रतिशत तक वस्तुओं को 18 प्रतिशत तक की निचली कर स्लैब में रखने का प्रस्ताव है। वहीं बेहद लक्जरी की श्रेणी में आने वाले उत्पादों तथा अहितकर वस्तुओं मसलन तंबाकू, सिगरेट, एरेटेड ड्रिंक्स, लक्जरी कारों और प्रदूषण फैलाने वाले उत्पादों पर 26 प्रतिशत की जीएसटी दर के साथ अतिरिक्त उपकर लगाने का भी प्रस्ताव है। सोने पर चार प्रतिशत का कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है। एफएमसीजी और टिकाउ उपभोक्ता सामनों पर जीएसटी व्यवस्था में 26 प्रतिशत का कर लगाने का प्रस्ताव है। अभी इन उत्पादों पर 31 प्रतिशत की दर लगती है।


वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि मुआवजे के लिए राज्यों को राजस्व की तुलना का आधार साल 2015-16 होगा। पहले पांच साल में राज्यों में राजस्व में 14 प्रतिशत वार्षिक की दीर्घावधिक वृद्धि दर को सामान्य माना जाएगा और उसकी तुलना में यदि राजस्व कम रहा तो केंद्र द्वारा संबंधित राज्य को उसकी भरपाई की जाएगी। जीएसटी परिषद की तीन दिन की बैठक के पहले दिन जीएसटी दर ढांचे के पांच विकल्पों पर विचार किया गया। जेटली ने कहा कि अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है और विचार विमर्श लगातार जारी रहेगा। जेटली ने कहा कि दरें तय करने का सिद्धान्त यह है कि यह मुद्रास्फीति की दृष्टि से तटस्थ हो,राज्य और केंद्र अपने खर्चे को जारी रख सकें और करदाताओं पर बोझ न पड़े।