पर्सनल लॉ बोर्ड के खिलाफ हुई सपा विधायक की भाभी

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 18 अक्टूबर 2016, 9:13 PM (IST)

कानपुर। तीन तलाक को जहां पर्सनल लॉ बोर्ड जायज ठहरा रहा है तो वहीं सपा विधायक गजारा लारी की भाभी खुलकर विरोध में उतर आई है। इसके लिए वह विधि आयोग की रायशुमारी में शामिल होकर अपनी पीड़ा बयां करेंगी। स्वरूप नगर की रहने वाली सोफिया अहमद ने बीते दिनों यह आरोप लगा आलाधिकारियों से शिकायत की थी कि पति शारिक अराफात ने नशे के हालत में मारपीट कर तलाक बोल दिया। कहा कि पति की बहन देवरिया की सलेमपुर सीट से सपा विधायक गजारा लारी पति का पक्ष लेकर पुलिस में दबाव बना रही है। सोफिया अभी न्याय के लिए अधिकारियों की चौखट पर चक्कर ही लगा रही थी कि इसी दौरान देश में तीन तलाक पर बहस चल पड़ी। इसको जायज ठहराने के लिए पर्सनल लॉ बोर्ड मुस्लिम समुदाय से रायशुमारी लेना शुरू कर दिया और शहर में खूब पर्चे भरे जा रहे है। जिसको लेकर सोफिया पर्सनल बोर्ड के खिलाफ हो गई और मुस्लिम महिलाओं को बराबरी के हक के लिए धर्म गुरूओं से सवाल करने लगी। सोफिया ने बताया कि यह पूरी तरह से गलत है कि पति शराब के नशे या गुस्से में तलाक बोल दे तो उस महिला का तलाक माना जाएगा। कहा कि मैं विधि आयोग की रायशुमारी में यह बात प्रमुखता से उठाऊंगी कि महिलाओं को वही सम्मान मिलना चाहिए जो पुरूषों को है। नशे की हालत में तलाक कहना जायज है कि नहीं अगर है तो यह अधिकार महिलाओं को मिलना चाहिए। उसने कहा कि पढ़ी लिखी होने के बावजूद इस कठोर नियम से बहुत सी महिलाएं अवसाद ग्रस्त हो जाती है और उनका जीवन नरक बन जाता है।

तो क्यों नहीं मारे जाते कोड़े


सोफिया ने कहा कि इस्लाम के दूसरे खलीफा हजरत उमर फारूक के समय में एक साथ तीन बार तलाक बोल देने से तलाक जायज माना गया था। लेकिन इसके साथ ही तलाक देने वाले व्यक्ति 80 कोड़े मारे जाने की सजा दी जाती थी। तो आखिर इस पर कोड़े क्यों नही मारे जाते, केवल महिलाओं पर ही धर्म की पाबंदी होना चाहिये।