पंजाब विधानसभा का चुनावी इतिहास

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 18 अक्टूबर 2016, 1:13 PM (IST)

नरेंद्र शर्मा अमृतसर /चंडीगढ़ । पंजाब की 14 वीं विधान सभा का कार्यकाल वर्ष 2017 में समाप्त हो रहा है । इसलिए फरवरी से पहले चुनाव करवाना सरकार की सवैधानिक मज़बूरी है । नवम्बर में आयोग किसी भी समय चुनावों की घोषणा कर सकता है । पंजाब विधान सभा में इस समय 117 सीटें हैं । इसमें 83 सामान्य और 34 आरक्षित हैं! विभाजन से पहले संयुक्त पंजाब में गवर्मेन्ट ऑफ इंडिया एक्ट 1935 के अनुसार विधान सभा सदस्यों की संख्या 175 थी ! इस विधान सभा का पहला सत्र 1 अप्रैल 1937 को बुलाया गया था । आज़ादी के बाद 15 जुलाई 1948 को पटियाला रियासत को भी भारतीय संयुक्त पंजाब में मिला लिया गया था । जिसके बाद विधान सभा और विधान परिषद का गठन किया गया था ! उस समय विधान परिषद की 46 सीटें रखी गयी थी ! जिन्हें 1957 में बढ़ाकर 51 कर दिया गया था!कलियों के पंजाबी सब आंदोलन के कारण 1966 में पंजाब का एकबार दोबारा: पुनर्गठन हुआ । उसके कुछ हिस्सों को काटकर हरियाणा और हिमाचल दो और राज्य बना दिए गए ! उस समय विधान परिषद के सदस्यों की संख्या 40 कर दी गयी और विधान सभा की सीटों की संख्या 50 से बढ़ाकर 104 कर दी गयी । 1 जनवरी 1970 को विधान परिषद् का प्रावधान ही समापत कर दिया गया । आज़ादी के बाद पहला विधान सभा चुनाव 1952 में हुआ । उस समय यह चुनाव 126 सीटों पर लड़ा गया था । इस चुनाव में कुल 6522434 मतदाताओं में से केवल 4989076 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था । इस चुनाव में कांग्रेस ने 96 सीटों पर कब्ज़ा किया था जबकि अकाली दल के हाथ केवल 13 सीटें आयी थी । 9 सीटों पर आजाद और शेष आठ सीटों पर अन्य पार्टियों के प्रत्यक्षियों ने अपना परचम लहराया था । इस चुनाव में कोई सीट आरक्षित नहीं थी । इस चुनाव में मतदान का प्रतिशत 57.85 के लगभग आया था । 1957 के चुनावों में भी 154 सीटों पर चुनाव हुआ था । इसके लिए 660 उमीद्बारों ने अपने नामांकन भरे थे । कुल 9202689 मतदाताओं में से 7603890 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था । कांग्रेस ने 120 सीटों पर सफलता प्राप्त की थी । 13 पर आज़ाद और 21 पर अन्य दलों के प्रत्याशी विजयी रहे थे ! 1962 में भी 154 सीटों पर ही मतदान हुआ था !जिसमें 121 सीटें जर्नल और 33 सीटें आरक्षित वर्ग के लिए रखी गयी थी ! इस बार 10745650 मतदाताओं में से 6816763 मतदाताओं ने कुल 756 प्रत्याक्षियों के भाग्य का निर्णय किया था !कांग्रेस को 90, अकाली दल को 19, आज़ाद ने 18 और शेष 27 सीटों पर अन्य दलों के प्रत्याक्षियों ने विजय प्राप्त की थी ! मतदान का प्रतिशत 63.44 प्रतिशत रहा था ! 1966 में पंजाब का पुनर्गठन किया गया था और हिमाचल तथा हरियाणा के रूप में दो नए राज्य अस्तित्व में आ गए थे ! जिसके कारण 1967 में 104 सीटों पर चुनाव हुआ था! जिसमें 81 सीटें सामान्य और 23 आरक्षित थी । 6311063 मतदाताओं में से 4492366 ने 602 प्रत्याक्षियों के भाग्य का निर्णय किया था । जिसमें से कांग्रेस ने 48 अकाली दाल ने 24 आज़ाद 9 और अन्य दलों को 23 सीटें मिली थी । 1969 में पुन: 104 सीटों पर चुनाव हुआ था !6692111 में से 4836135 मतदाताओं ने 471 उम्मीदवारों के भाग्य का निर्णय किया था ! कांग्रेस को 38 अकाली दल को 43 आज़ाद को 4 और अन्य दलों के उमीद्बारों को 19 सीटें मिली थी । 1972 में भी 104 सीटों पर ही चुनाव हुआ था 17244663 में से 4972374 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था 1 इस चुनाव में 468 उमीद्बार मैदान में थे !मतदान का प्रतिशत 68.63 रहा था ! कांग्रेस को 66 अकाली दाल को 24 सीपीआई को दस और अन्य दलों को 4 सीटें मिली थी ! 1970 में विधान सभा क्षेत्रों की सीमाओं का पुनर्सीमन किया गया था ! इसलिए 117 सीटों पर चुनाव हुआ था ! इनमें 88 सीटें सामान्य और 29 सीटें आरक्षित थी ! मतदाताओं की कुल संख्या 8764900 थी !जबकि 5729420 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था ! इस चुनाव में कांग्रेस को 7, अकाली दल को 58, सीपीआई को 7, सीपीएम को 8, जनता पार्टी को 25 और अन्य दलों को 2 सीटें मिली थी । 1980 के विधान सभा चुनाव में भी क्रमश: सामान्य और आरक्षित सीटों का अनुपात 88:29 ही था । इस चुनाव में 722 प्रत्याक्षी अपना भाग्य आजमाने चुनाव मैदान में उतरे थे ! मतदाताओं की कुल संख्या 9857223 थी ! इनमें से केवल 6341549 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था । मतदान प्रतिशत 64.33 प्रतिशत रहा था । इस चुनाव में कांग्रेस को 63 अकाली दल को 37, सीपीआई को 9 ब अन्य दलों को 8 सीटें मिली थी ! 1985 के चुनावो में भी 117 सीटों पर ही चुनाव हुआ था !जिसमें से 29 आरक्षित थी और 88 जर्नल थी ! इस चुनाव में 857 उम्मीदवार मैदान में थे ! कुल 10728825 मतदाताओं में से केवल 7245280 मतदाताओं ने ही अपने मत का प्रयोग किया था !मतदान 67.53 प्रतिशत रहा था ! इस चुनाव में कांग्रेस को 32 अकाली दाल को 73 और अन्य दलों को 12 सीटें मिली थी ! यह ब्लू स्टार के बाद का समय था ! राजीव -लोंंगोवाल समझौता हो चुका था । जिसमें सुरजीत सिंह बरनाला का विशेष योगदान था । अकाली दल ने यह चुनाव बरनाला के नेतृत्व में ही लड़ा था ! लोंगोवाल की शहादत के कारण बरनाला के नेतृत्व बाले लोंगोवाल अकाली दल को अकेले दम पर पूर्ण बहुमत मिला था ! उस समय बादल अप्रसांगिक हो चुके थे । 1992 में भी 117 सीटों पर चुनाव लड़ा गया था ! इस बार केवल 592 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमाने चुनाव मैदान में उतरे थे । 13171851 मतदाताओं में से केवल 3137915 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था ! मतदान का प्रतिशत 23.80 रहा था !इस चुनाव में कांग्रेस को 87 व अन्य दलों को 30 सीटें मिली थी ! अकाली दल बादल ने आतंकियों के दबाव में आकर इन चुनावों का बहिष्कार किया था ! 1997 में पुन: 117 सीटों पर ही चुनाव हुआ था ! प्रत्याक्षियों की संख्या 693 थी ! इस चुनाव में 15225392 में से केवल 10463868 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था ! मतदान प्रतिशत 68.73 रहा था ! इस चुनाव में अकाली दल को 75,कांग्रेस को 14, बीजेपी को18 और अन्य दलों को 10 सीटें मिली थी । 2002 के चुनावों में 923 उमीद्बार मैदान मैं थे । इस बार मतदाताओं की संख्या 158161670 थी जिसमें से 10303081 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था 1 इस चुनाव में कांग्रेस को 62 अकाली दल को 41 बीजेपी को 3 और अन्य दलों को 11 सीटें मिली थी ! 2007 में 116 सीटों पर चुनाव हुआ था ! क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान एक प्रत्याक्षी की मृत्यु हो गयी थी । जिसके कारण उक्त विधान सभा क्षेत्र में चुनाव रदद् कर दिया गया था ! इस बार 1043 उम्मीदवारों ने अपना भाग्य आजमाया था । मतदाताओं की कुल संख्या 16775702 थी जिसमें से 12657285 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था । मतदान का प्रतिशत 75.45 रहा था ! इस चुनाव में कांग्रेस को 44 अकाली दाल को 48 बीजेपी को 19 और अन्य दलों को 5 सीटें मिली थी । 2012 के विधान सभा चुनावों में भी 117 सीटों पर ही चुनाव हुआ था । इस चुनाव मैं 1425 प्रत्याक्षियों ने नामांकन दाखिल किये थे । इनमें से 302 के नामांकन रदद् हो गए थे और 138 ने अपने कागज वापिस ले लिए थे । चुनाव मैदान मैं केवल 985 प्रत्याक्षी ही शेष रह गए थे । इस बार मतदाताओं की संख्या 17764755 थी परन्तु इनमें से केवल 13892784 ने आपने मत का प्रयोग किया था । अकाली दल को 56,बीजेपी को 12 कांग्रेस को 46 और 3 पर आज़ाद प्रत्याक्षियों को सफलता मिली थी ! मतदान का औसत 78.20 के लगभग रहा था ।