नई दिल्ली। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने उड़ी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में सर्जिकल स्ट्राइक के पीछे की प्रेरणा का खुलासा किया है। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि शायद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सीख ही इस कार्रवाई की बुनियाद बनी।
एक कार्यक्रम में बोलते हुए पर्रिकर ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी और उनका मेल लोगों को समझ नहीं आ रहा था। उन्होंने कहा, ‘महात्मा गांधी के राज्य से आने वाले प्रधानमंत्री मोदी और गोवा का मैं रक्षामंत्री, सर्जिकल स्ट्राइक के संबध में यह मेल लोगों की समझ में नहीं आ रहा था। शायद इसके मूल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सीख थी।’ मालूम हो कि मोदी और पर्रिकर दोनों ही आरएसएस से जुड़े रहे हैं।
रविवार को पाकिस्तानी सैनिकों की गोलीबारी में एक भारतीय जवान के शहीद होने
की घटना पर पर्रिकर ने कहा कि भारतीय सेना इस तरह के संघर्षविराम
उल्लंघनों का करारा जवाब दे रही है। उन्होंने कहा, ‘पिछले पांच-छह वर्षों
में सैकड़ों बार संघर्षविराम का उल्लंघन हुआ है। आंकड़ें देख लीजिए। अंतर
सिर्फ इतना है कि अगर अब वे ऐसा करते हैं तो हम उन्हें करारा जवाब देते
हैं।’ जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी
सैनिकों ने कल दो बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया, जिसमें भारतीय सेना का
एक जवान शहीद हो गया। इससे पहले पर्रिकर ने भारतीय सेना को ‘हनुमान’ के
समान बताया था। राजौरी में संघर्षविराम का उल्लंघन उस दिन किया गया, जब
भारत में रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग
सहित कई देशों के नेता ब्रिक्स सम्मेलन में मौजूद थे।