वाराणसी। आध्यात्मिक गुरू दिवंगत जयगुरूदेव की संस्था की ओर से वाराणसी से
सटे चंदौली में गंगा किनारे एक गांव में आयोजित समागम के लिए पहुंचे हजारों
श्रद्धालुओं की भीड में शनिवार को मची भगद़ड में रविवार को मृतकों की
संख्या 25 हो गई है। गंभीर रूप से घायल सात लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती
हैं।
रामनगर थाना प्रभारी अनिल कुमार सिंह ने कहा कि एक घायल ने शनिवार देर रात
अस्पताल में दम तोड दिया और इसके साथ ही इस हादसे में मृतकों की संख्या 25
हो गई है। मृतकों में 20 महिलाएं और पांच पुरूष शामिल हैं। इस हादसे में
शनिवार को 24 लोगों की मौत हो गई थी।
वाराणसी सदर की परगनाधिकारी (एसडीएम) आरेका अखौरी ने कहा कि समागम के
आयोजकों ने रविवार को संक्षिप्त में ही अपना कार्यक्रम संपन्न कर लिया, और
अब श्रद्धालु अपने-अपने घरों के लिए रवाना हो गए हैं। श्रद्धालुओं की भारी
संख्या के कारण रविवार को भी वाराणसी शहर में चारों तरफ जाम की स्थिति बनी
रही। प्रशासन श्रद्धालुओं के सुरक्षित घर लौटने की सुचारू व्यवस्था में
जुटा है।
उल्लेखनीय है कि चंदौली जिले में गंगा किनारे स्थित डोमरी गांव में बाबा
जयगुरूदेव की स्मृति में रविवार से दो दिवसीय जागरूकता शिविर आयोजित किया
गया था। शिविर में हिस्सा लेने देशभर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु
वाराणसी पहुंचे थे। शनिवार को ये श्रद्धालु पीली कोठी से होते हुए डोमरी
गांव जा रहे थे। इसी दौरान गंगा नदी पर राजघाट पर बने पुल पर अपराह्न् लगभग
1.30 बजे अचानक भीड में भगदड मच गई और 24 लोगों की मौत हो गई थी।
हादसे के लिए आचार्य पंकज जिम्मेदार...
जिला प्रशासन ने हादसे के लिए समागम के आयोजक और जय गुरूदेव के उत्तराधिकारी आचार्य पंकज को जिम्मेदार ठहराया है। जबकि आचार्य पंकज ने दुर्घटना के लिए जिला प्रशासन की विफलता को जिम्मेदार ठहराया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वाराणसी के मंडायुक्त की निगरानी में घटना की मजिस्ट्रेट से जांच कराने का आदेश दिया है। (आईएएनएस)