सहवाग ने कहा कि उस वक्त मैं उपकप्तान और धोनी कप्तान थे। हम दोनों ने
कोहली को पर्थ टेस्ट में खिलाने का फैसला किया और आगे जो हुआ वो इतिहास है।
पर्थ में कोहली ने पहली पारी में 44 और दूसरी पारी में 75 रन बनाए थे।
इसके बाद एडिलेड में कोहली ने शतक ठोका। इसके बाद तो वे टेस्ट टीम के स्थाई
सदस्य बन गए और दो साल के अंदर टीम के कप्तान भी।
जहीर के नाम पर इसलिए नहीं लगी मुहर
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