श्रीगंगानगर। आज पूरा विश्व वैलेंटाइन-डे के जोश में डूबा हुआ है। युवा वर्ग ही नहीं बुजुर्ग भी इस दिन अपने प्यार का इजहार करते-नजर आ रहे हैं, लेकिन प्यार का दिन माने जाने वाले इस दिन प्रेमी जोड़े अपने ही देश की सबसे बड़ी प्रेम कहानी को भूल बैठे हैं। शायद यही कारण है कि राजस्थान के श्रीगंगानगर में लैला-मजनू की मजार वैलेंटाइन-डे पर सूनी पड़ी है और अमर प्रेम कहानी के अपने दर्द को अब भी अपने अंदर समेटे हुए है। नाचने वाले गाने वाले फिल्म के गीत बेकद्रों से करके प्यार...कद्र गवाई दिल की यार... को यहां के लोगों ने मजार से जोड़ते हुए अमर प्रेम कहानी की यह पीड़ा जताई है। लोगों ने इस गीत को यह बोल दिए... बेकद्रों से करके प्यार...कद्र गवाई दिल की यार... रो-रो कर कहती लैला-मजनू की मजार...। [@ यहां मुस्लिम है देवी मां का पुजारी, मां की अप्रसन्नता पर पानी हो जाता है लाल]
ये सूनी पड़ी मजार किसी पीर फकीर की नहीं है। ये मजार उस प्रेमी जोड़े की है, जिसके किस्से हम बचपन से सुनते आए हैं। लैला-मजनू जिन्होंने प्यार में दुनिया के सितम सहे और मौत भी एक साथ ही गले लगाई। आज देश में ही नहीं पूरी दुनिया में लोग प्यार का इजहार कर रहे हैं और इसे एक त्योहार के रूप में मना रहे हैं। पश्चिमी देशों की चकाचौंध भारतीय सभ्यता और इतिहास को किस तरह धूमिल कर रही है, उसी का एक नजारा है एक तरफ करोड़ों का बिजनेस करने के लिए कंपनियां वैलेंटाइन-डे का प्रमोशन करने में पीछे नहीं हैं। वास्तविक प्रेम की कहानीं बयां करती इस लैला-मजनू की मजार को लोग भूल बैठे।
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