चेन्नई। खाडी के देशों में घरेलू काम करने वाली आंध्र प्रदेश की महिलाएं
वहां की जेलों में जीवन बिताने को मजबूर हैं। इन महिलाओं ने या तो अपने
बदमिजाज मालिक की ज्यादती से तंग आकर या फिर इनके वीजा की अवधि समाप्त होने
पर वापस आने की कोशिश की थी।
आंध्र के एक मंत्री ने यह आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार से इस मामले में पहल
कर इन महिलाओं की मदद की गुहार लगाई है। आंध्र के अप्रवासी भारतीयों से
जुडे मामलों के कल्याण मंत्री पी रघुनाथ रेड्डी ने इस संबंध में विदेश
मंत्री सुषमा स्वराज को पत्र लिखकर इन महिलाओं को वापस लाने के लिए कदम
उठाने का आग्रह किया है।
पत्र में उन्होंने कहा,ऎसी महिलाओं को जरूरी वीजा कागजात देकर और मुफ्त
यात्रा की सुविधा देते हुए जल्द से जल्द घर वापस लाने के लिए आवश्यक कदम
उठाए जाने चाहिए। ख़ाडी देशों में भारतीय दूतावासों को इस मामले में दखल
देकर खाने,कपडे और रहने के लिए जरूरी मदद करने संबंधी निर्देश दिए जाने
चाहिए।
भारतीय आंकडों के मुताबिक बहरीन, कुवैत, कतर, सऊदी अरब, यूएई और ओमान में
लगभग 60 लाख भारतीय प्रवासी रह रहे हैं। रेड्डी ने अपने पत्र में
लिखा,इनमें वे औरतें भी शामिल हैं जिन्होंने भर्ती एजेंटों के भरोसे भारत
से तीन गुना ज्यादा तनख्वाह वाली नौकरी की खातिर अपने गांव छोड दिया है।
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