टोंक। राज्य के पूर्व मुख्यमन्त्री अशाोक गहलोत ने कहा हैं कि महात्मा ज्योति बा फूले ने शिक्षा के क्षैत्र में ही नही समााजिक कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष किया।उन्होंने कहा कि फुले ने किसी जाति ,धर्म नही बल्कि छत्तीस कौमो का तकलीफ को समझा जिसका ही परिणाम हैं कि आज समाज सुधारक के रूप में भारत में उनकी अपनी पहचान हैं। पूर्व मुख्यमन्त्री गहलोत ने जिला माली समाज टोंक द्वारा आयोजित महात्मा ज्योति बा फुले प्रतिमा अनावरण समारोह में अप्रत्यक्ष रूप से माली समाज कोअपनी वोट की ताकत का उपयोग करने की नसीहत भी दी। उन्होंने राज्य की भाजपा शासित वसुन्धरा सरकार को आडे हाथों लेते हुए कहा कि पौने तीन साल में न केवल हर मोर्चो पर फैल हुई हैं बल्कि जनता भी खिलाफत कर रही हैं।
पूर्व मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत ने कहा कि महात्मा ज्योति बा फुले ने महाराष्ट्र से न केवल शिक्षा बल्कि महिला शिक्षा सहित सामाजिक बुराईयों के लिए संघर्ष शुरू किया था जिसमें कामयाबी भूतपूर्व प्रधानमन्त्री राजीव गांधी के समय मिली जिन्होंने महिलाओं को आरक्षण दिया इतना ही नही शिक्षा के क्षैत्र में भी कई काम हुए । जिला माली समाज टोंक के मंच से पूर्व मुख्यमन्त्री गहलोत ने कहा कि शिक्षा के बिना कोई भी समाज आगे नही बढ सकता चाहे वह राजनैतिक क्षैत्र ही क्यों न हो ? उन्होंने कहा कि सामाजिक कुरीतियों को भी समाज को त्यागना होगा तभी समाज विकास की दौड में आगे बढ सकता हैं।
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