डूंगरपुर। राजस्थान ग्राम सेवक संघ के आह्वान पर पर प्रदेश के ग्राम पंचायतों में कार्यरत ग्राम सेवक पांचवें एवं छठे वेतनमान की विसंगति को दुर से के लिए बुधवार से उपवास प्रारंभ किया। ग्राम सेवकों ने मुख्यमंत्री तथा ग्रामीण विकास पंचायतीराज मंत्री के नाम ध्यानाकर्षण पत्र भी लिखा। [@ चुनाव आयोग के फैसले के बाद मुलायम-शिवपाल के पास बचे है अब ये विकल्प]
ग्रामसेवक संघ के जिलाध्यक्ष कैलाश फलोत ने बताया कि ग्राम सेवकों का ग्रेड पे छठे वेतन आयोग एवं पांचवें वेतन आयोग की विसंगति के कारण कम हो गया था। ग्राम सेवक का पद सेवंथ पे स्लेब का था, जिसे 2013 में भारी विसंगति उत्पन्न कर सिक्स पे स्लेब में कर दिया गया। जिला मंत्री अजय जोशी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में कार्मिकों में सर्वाधिक उत्तरदायित्व वाला कार्यभार के साथ ही समकक्ष कार्मिकों में सर्वाधिक शैक्षणिक योग्यता का पद होने के बावजूद ग्रामसेवकों की उपेक्षा की जा रही है। प्रदेश प्रतिनिधि श्यामसुंदर पाटीदार का कहना है कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों में यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि प्रत्येक स्नातक एवं कम्प्यूटर दक्ष कार्मिक का ग्रेड पे 3600 का होगा। ग्राम सेवक संघ की मांग को सरकार को स्वीकार करना चाहिए।कार्यक्रम में ब्लॉक अध्यक्ष जीतेन्द्र सिंह ददोडिय़ा, रणजीत माली, भूपेश जैन, वेलजी कलाल, निशांत मेहता सहित कई ग्राम सेवक उपस्थित थे।
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