अमृतसर। शहर
में हुए विकास कार्यों की जांच करने के लिए टीम के साथ पहुंचे लोकल बाडी
विभाग की विजिलेंस जांच कमेटी के मुखी वी के भट्ट मंत्री अनिल जोशी की ओर
किए कथित घोटालों की जांच करने से हट गए हैं। भट्ट ने सारे मीडिया के समक्ष
एलान किया कि उनके पास जांच का कोई अधिकार नहीं है। वे तो सिर्फ एक एडवाइजर
है। उनकी सलाह मानना या न मानना विभाग की मर्जी पर निर्भर है। [# एक ऐसा मंदिर जिसमें शिला रूपी स्वयंशम्भू का आकार बढ़ रहा है ] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
भट्ट के
समक्ष मामला उस समय जांच मुद्दे को लेकर पेचीदा बन गया जब पंजाब प्रदेश
कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव व प्रवक्ता मनदीप सिंह मन्ना नगर सुधार
ट्रस्ट के कार्यालय में भट्ट को मंत्री अनिल जोशी की ओर से किए दस
महत्वपूर्ण घोटलों की जांच करने के लिए मांग पत्र सारे सबूतों के साथ देने
के लिए गए । मांग पत्र लेते हुए भट्ट ने कहा कि वे तो इस मामलों की जांच
कर ही नहीं सकते। इस दौरान भट्ट मीडिया के तीखे सवालों के जवाब देने से भी
भागते नजर आए। आखिर उन्होंने यह कह कर दामन बचाने की कोशिश की है कि वे तो
सिर्फ एक एडवाईजर है।
भट्ट
को जोशी के किए घोटालों का ज्ञापन जांच के लिए सौंपने के बाद मीडिया के
साथ बात करते हुए मन्ना ने कहा कि मंत्री ने एलान किया था कि उसने अमृतसर
में हुए विकास कामों की जांच के लिए विभाग की एक विजिलेंस कमेटी गठित की
है। इस लिए हम विभाग के साथ संबंधित दस कामों की जांच करने के लिए कमेटी के
पास आए है। जिन कामों की जांच करने से चेयरमैन भट्ट ने हाथ खडे कर दिए कहा
कि वे इन मामलों की जांच नहीं कर सकता।
मन्ना
ने कहा कि उन्होंने मांग पत्र सौंप कर मांग की है कि एक वर्ष के कामों की
जगह जोशी के दस वर्षों में करवाए सारे कामों की जांच करवाई जाए। मंत्री
द्वारा ई टेंडरों की आड़ में अपने चहेतों को बडा लाभ पहुंचाते हुए पूल करके
करवाए टेंडरों की जांच हो। चुनाव जाबता लगने से कुछ घंटे पहले पक्की सडकों
पर मिट्टी डलवाने की दो सौ फाईल पास करवाने, रंजीत एवेन्यू में प्लाटों
की अलाटमेंट में की गई हेराफेरी और सरकार को लगाए करोडों रूपये के चूने,
बी सी क्षेणी की भूमि को गैर बी सी श्रेणी के अपने एक चहेते तो कौढियों के
भाव अलाट करने, रंजीत एवेन्यू में डिस्ट्रिक्ट शापिंग कंप्लेक्स में प्लाट
अपने चेहेतों को निर्धारित मूल्य से भी कम मूल्य पर अलाट करके पंद्रह करोड
के करीब सरकारी रेवेन्यू को चूना लगाने, कवीनज रोड पर अपना एक होटल गैर
कानूनी ढंग से निर्माण करने व भूमि को रिहाइशी दिखा कर उस जगह पर घरेलू रेट
पर रजिस्ट्री करवा लाखों के रेवेन्यू की चोरी करने, विज्ञापन व होर्डिंग
माफिया के साथ मिल कर सरकार के खजाने के करोडों रूपये गबन करने, जोशी की ओर
से कैँप आफिस चलाने व सरकारी कार का उपयोग अपने बेटे के लिए करवाने के लिए
हडप लिए लाखों रूपये की राशि की जांच करने की मांग की थी।
भट्टा ने
यह जांच करने से असमर्थता बताई। उनको कहा कि वह मिट्टी डालने के घपले और
विकास के काम करवाने के दौरान पूल करके दिए ठेके की ही जांच की मांग की तो
उस से भी भट्ट भाग गए और कहा कि वे सिर्फ एक एडवाइजर ही है। भट्ट ने मौके
पर माना कि उन्होंने विभाग को पहले भी कहा था कि पचास हजार के कामों की
कोई भी फाइल न बनाई जाए सिर्फ टेंंडर लगाया जाए। पर इसे भी नहीं माना गया।
मन्ना
ने कहा कि जोशी की ओर से अमृतसर में पिछले एक समय के दौरान हुए कामों में
उपयोग मटीरियल की जांच के लिए बनाई कमेटी सिर्फ एक राजनीतिक ड्रामा है।
जोशी इस कमेटी के सहारे से अपनी दस वर्षों के कार्यकाल के दौरान किए गए
घोटालों और हेराफेरियों की क््लीन चिट लेने की कोशिश कर रहा है। ताकि आने
वाली कोई सरकार उनके खिलाफ किसी तरह की जांच न कर सके। जोशी को दीवार पर
लिखा स्पष्ट हो चुका है कि मतगणना के बाद पंजाब में अकाली-भाजपा की सरकार
नहीं आने वाली है। जोशी को यह भी डर है कि अगर कोई और सरकार आती है तो उसे
और उसके साथी ठेकेदारों की ओर से किए घोटालों की जांच जरूर होगी। इस लिए
वे किसी भी तरह की कानूनी सजा से बचने के लिए खुद ही अपने चहेते ठेकेदारों
से करवाए गल्त कामों की जांच खुद ही बनाई कमेटी से करवा कर नई सरकार बनने
से पहले क्लीन चिट लेना चाहता है।
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