राजसमंद। संवेदनशील समाज का सृजन आज के समय में राष्ट्र एवं समाज की सबसे बड़ी चुनौती है जिससे मुक्ति पाने के लिए शिक्षा के साथ संस्कार को जोड़ नई पीढ़ी को विद्यान्नोमुखी बनाना होगा। यह विचार शांतिकुंज हरिद्वार के केन्द्रीय प्रतिनिधि प्रदीप दीक्षित ने गायत्री शक्तिपीठ सभागार में गुरुवार को राज्य स्तरीय पं. श्रीराम शर्मा आचार्य उत्कृष्ट सेवा शिक्षक सम्मान एवं भारतीय संस्कृति ज्ञान प्रतिभा सम्मान समारोह में मुख्य वक्ता के रूप कहे। दीक्षित ने कहा कि युग परिवर्तन के संकल्प साधक सृजन सेनानियों की आवश्यकता है जिसका गुरुतर दायित्व भारतीय आचार्य परम्परा के मजबूत कंधो पर है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला प्रमुख प्रवेशकुमार सालवी, विशिष्ट अतिथि अतिरिक्त शिक्षा निदेशक रमाकान्त आमेटा, पुष्कर जोन के जसवीर सिंह, गायत्री परिवार पुष्कर जोन प्रभारी घनश्याम पालीवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष भंवरलाल शर्मा, संजय पालीवाल थे। जबकि अध्यक्षता नगर परिषद सभापति सुरेशचन्द्र पालीवाल ने की। [@ 5 लाख रुपए देकर लाई गई दुल्हन निकली लुटेरी, शादी के 6 दिन बाद भागी]
जिला प्रमुख प्रवेशकुमार सालवी ने कहा कि गायत्री परिवार द्वारा आयोजित यह परीक्षा छात्रों के सांस्कृतिक और बौद्धिक ज्ञान को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रही है। सभापति सुरेश पालीवाल ने शक्तिपीठ स्थापना से जुड़े अपने संस्मरणों के माध्यम से भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा एवं गायत्री परिवार द्वारा संचालित किए जा रहे रचनात्मक कार्यों की सराहना की। राजस्थान के सम्मानित होने वाले शिक्षकों एवं भारतीय संस्कृति ज्ञान प्रतिभाओं को शुभकामना देते हुए उन्होंने कहा कि स्वस्थ समाज के सृजन में आपका दिशादर्शन हमें मजबुती देगा। संयोजन हिमांशु पालीवाल ने किया जबकि आभार गिरजाशंकर पालीवाल ने किया। शुभारंभ से पूर्व मोहनलाल गुर्जर ने युगगीत प्रस्तुत किया। समारोह में उपस्थित अतिथियों का गायत्री परिवार के बद्रीलाल शर्मा, नाथुलाल कुमावत, भंवरलाल पालीवाल, देवीलाल पालीवाल ने स्वागत किया। समारोह में शिक्षाविद् दिनेश श्रीमाली, समाजसेवी राजकुमार दक, चतुर कोठारी सहित अनेक नागरिक उपस्थित थे।
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